आईफा के आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ आमने- सामने आ गए। दोनों ने एक- दूसरे पर कई जुबानी तीर चलाए।
भोपाल (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के कार्यकाल में जिस आइफा अवार्ड के आयोजन की जोर-शोर से घोषणा हुई वह शुक्रवार को एक बार फिर चर्चा में आ गया है।
गौरतलब है कि इंटरनेशन इंडियन फिल्म एकेडमी (आइआइएफए-आइफा) का अवार्ड समारोह इसी साल मार्च के आखिरी हफ्ते में भोपाल और इंदौर में होना था, लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए यह रद कर दिया गया था। शिवराज सिंह ने कहा कि अब कोरोना नियंत्रण हमारी प्राथमिकता है, आइफा नहीं। आइफा तो तमाशा है। कमल नाथ ने भी पलटवार कर दिया और कहा कि वे (शिवराज सिंह) ही तमाशा हैं।
मप्र की जनता ने उन्हें घर पर बैठाया। आइफा तमाशा है या नहीं, यह जनता तय करती है। उनके कहने से कोई चीज तमाशा या गैर तमाशा नहीं बनती है। यह कहना कि हमने आइफा के लिए कोई पैसा नहीं दिया था, सरासर झूठ है। उनके झूठ से तो झूठ भी शरमा जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने शुक्रवार को गांधी जयंती पर अयोजित कार्यक्रम में आइफा को तमाशा बताया तो कमल नाथ ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कहा कि शिवराज ने 15 साल तमाशा किया।
गौरतलब है कि शिवराज सिंह ने इससे पहले भी आइफा को लेकर कहा था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री कमल नाथ आइफा की तैयारियों में व्यस्त रहे और प्रदेश में कोरोना फैलता गया। उन्होंने कोरोना नियंत्रण को लेकर एक भी बैठक नहीं की थी। कमल नाथ ने मध्य प्रदेश की पहचान बदलने के लिए आइफा जैसे आयोजन को लेकर कहा कि शिवराज सरकार ने प्रदेश की पहचान माफिया और मिलावट से बनाई थी। जनता इसकी गवाह है, इसलिए वोट डालकर उन्हें घर बिठा दिया था। तब इन्होंने सौदेबाजी करके सरकार बना ली।