राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच 3 मई से हो रही सामुदायिक हिंसा में अब तक 175 लोगों की मौत हो चुकी हैं। राज्य में 1108 घायल, 32 अभी भी लापता है जबकि 96 लावारिस लाशें शवगृह में मिली।
इंफाल में शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेस के दौरान IGP(ऑपरेशन) आइके मुहवा ने ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मणिपुर के इस चुनौतीपूर्ण समय में हम नागरिकों को विश्वास दिलाते है कि पुलिस, सुरक्षा बल और राज्य सरकार 24 घंटे उनकी सुरक्षा में लगी हुई है।
6 सितंबर : हजारों प्रदर्शनकारी बिष्णुपुर जिले के फौगाकचाओ इखाई में इकट्ठा हुए थे। वे सभी तोरबुंग में अपने सूने पड़े घरों तक पहुंचने के लिए सेना के बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे। इसके बाद एहतियात के तौर पर मणिपुर के सभी पांच घाटी जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया था।
7 सितंबर : सितंबर महीने में मणिपुर में अब तक तीन बार हिंसा की खबर सामने आई है। पहली घटना मणिपुर के तेंगनौपाल जिले के पैलेल में हुई थी। यहां फायरिंग की दो अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई थी वहीं 50 अन्य घायल हो गए। घायलों में सेना का एक मेजर भी शामिल है।
12 सितंबर : दूसरी घटना 12 सितंबर को हुई। कांगचुप इलाके में कुकी-जो समुदाय के गांव के तीन लोगों की हत्या एंबुश लगाकर कर दी गई थी।
13 सितंबर : चुराचांदपुर जिले में एक पुलिस सब इंस्पेक्टर की हत्या कर दी गई। मृतक सब इंस्पेक्टर की पहचान ओनखोमांग हाओकिप (45) के तौर पर की गई है। अधिकारियों के मुताबिक जब हमला हुआ तब ये सब इंस्पेक्टर हाओकिप एन चिंगफेई में तैनात थे। इसी हमले में पास में ही खड़े दो और लोगों को भी गोली लगी है। अभी तक उनकी पहचान नहीं हो सकी है।