राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । अभी माघ मास के शुक्ल पक्ष की नवरात्र चल रही है। इसे गुप्त नवरात्र भी कहते हैं। एक वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं। चैत्र और आश्विन मास के नवरात्र सामान्य होते हैं। माघ और आषाढ़ मास के नवरात्र गुप्त होते हैं। चार नवरात्र ऋतुओं के संधिकाल में आते हैं। जैसे माघ मास के नवरात्र ठंड के जाने और गर्मी के आने का समय में आते हैं। इन दिनों में पूजा-पाठ के साथ ही जाप-ध्यान करने का भी विशेष महत्व है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार माघ मास की नवरात्र में दस महाविद्याओं की गुप्त साधनाएं की जाती हैं। महाविद्याओं की साधनाएं पूरे नियमों के साथ ही की जानी चाहिए। अगर छोटी सी भी लापरवाही होती है तो साधनाएं निष्फल हो जाती हैं और विपरीत फलों का सामना करना पड़ सकता है।
माघ मास के नवरात्र में सेहत संबंधी लाभ पाने के लिए रोज सुबह जल्दी उठें और मेडिटेशन जरूर करें। ध्यान करने से मन शांत होता है और नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है। मंत्र जाप करने से एकाग्रता बढ़ती है। एकाग्रता से किसी भी काम को हम बेहतर तरीके से कर पाते हैं और सफलता मिलने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं।
सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद घर के मंदिर में पूजा की व्यवस्था करें। गणेश जी के साथ ही अपने इष्टदेव को जल अर्पित करें। वस्त्र, हार-फूल आदि अर्पित करें। भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। दीपक जलाने के बाद अपने इष्टदेव के मंत्रों का जाप कम से कम 108 बार करें। पूजा के अंत में जानी-अनजानी गलतियों के लिए क्षमा याचना करें। मंत्र जाप के बाद प्रसाद वितरित करें और खुद भी ग्रहण करें।
घर में किसी ऐसी जगह का चयन करें, जहां शांति और साफ-सफाई हो। जमीन पर आसन बिछाकर बैठ जाएं। आंखें बंद करके मन को शांत करें और दोनों आंखों के बीच आज्ञा चक्र पर ध्यान एकत्र करें। सांस लेने और छोड़ने की गति सामन्य रखें। कोशिश करें कि मन में कोई विचार न रहें। इस तरह कुछ देर ध्यान करें। नियमित रूप से ध्यान करने से मन एकाग्र होने लगता है और अशांति दूर होती है।