राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते-करते दो साल से अधिक का समय बीत गया है। इस दौरान आए तमाम वैरिएंट्स ने शरीर को अलग-अलग तरह से प्रभावित किया। डेल्टा जैसे वैरिएंट से संक्रमण के चलते लोगों को जहां फेफड़ों से संबंधित समस्याओं का अधिक सामना करना पड़ा वहीं ओमिक्रॉन के लक्षण हल्के रहे और त्वचा और पेट संबंधित दिक्कतें भी इसमें देखने को मिलीं। मसलन यह कहा जाए कि कोरोनावायरस का संक्रमण सिर्फ श्वसन तंत्र तक ही सीमित नहीं है, तो यह गलत नहीं होगा। अध्ययनों से पता चलता है कि वायरस, शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकता है, ऐसे में सभी लोगों को इससे विशेष बचाव करते रहने की आवश्यकता होती है। वहीं हालिया अध्ययन में ऐसे संकेत भी मिले हैं जिससे पता चलता है कि वायरस यूरिनरी सिस्टम को भी प्रभावित कर सकता है। अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि संक्रमितों को ऐसे में पेशाब से संबंधित दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। आइए आगे की स्लाइडों में इस बारे में विस्तार से जानते हैं। हालिया अध्ययनों से संकेत मिलते हैं कि संक्रमितों में यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) जैसे संकेत देखे जा रहे हैं। यूटीआई ज्यादातर हाइजीन, यौन गतिविधियों के संक्रमण और गर्भनिरोधक गोलियां लेने के कारण होता है। हालांकि अध्ययन में बताया गया है कि जब वायरस शरीर के निचले हिस्सों को प्रभावित करता है तो ऐसी स्थिति में यूटीआई के विशिष्ट लक्षण दिखाई दे सकते हैं। कोविड-19 संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती लोगों में अन्य की तुलना में यूटीआई होने की आशंका अधिक होती है। विशेषज्ञ बताते हैं, फिलहाल यह जानने का तो कोई स्पष्ट तरीक नहीं है जिससे अंदाजा लगाया जा सके कि कोविड-19 संक्रमण के कारण यूटीआई की समस्या होगी या नहीं? यदि आपको भी कोरोना के सामान्य लक्षणों के साथ यूटीआई की समस्या भी महसूस हो रही हो तो डॉक्टर से संपर्क करके आरटी-पीसीआर परीक्षण करा सकते हैं। सामान्य मामलों में यूटीआई से ठीक होने में आमतौर पर 4 से 7 दिन लगते हैं, वहीं यदि यह कोविड-19 के कारण होता है, तो इसमें अधिक समय लग सकता है।