राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। महाराष्ट्र में कोरोना महामारी की तीसरी लहर दिसंबर में आ सकती है। यह कहना है राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का। टोपे ने बुधवार को दावा किया कि राज्य में तीसरी लहर तो आएगी, लेकिन वह सेकेंड वेव जैसी नहीं होगी।
टोपे के मुताबिक, राज्य में टीकाकरण की दर अधिक है और इसलिए तीसरी लहर हल्की होने की उम्मीद है। उन्होंने आगे बताया कि थर्ड वेव के दौरान मेडिकल ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की जरूरत नहीं होगी।
वहीं एक्सपर्ट्स का भी दावा है कि लहर समय-समय पर अपनी निश्चित फ्रीक्वेंसी में आती हैं। पहली वेव सितंबर 2020 में आई थी। दूसरी लहर अप्रैल 2021 में आई थी। अब तीसरी लहर दिसंबर में आने की आशंका है।
टोपे ने बताया कि महाराष्ट्र में 80% से अधिक लोगों को टीका लगाया गया है। इसे तेजी से ड्राइव किया जा रहा है। कोविड-19 के संक्रमण को रोकने में वैक्सीनेशन ने प्रमुख भूमिका निभाई है। यहां पहले की अपेक्षा संक्रमण कम है और मृत्यु दर शून्य के करीब है।
तीसरी लहर की आशंका बेहद कम : गुलेरिया
उधर, दिल्ली एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया का कहना है कि शायद अब देश में कोरोना की तीसरी लहर नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि इस बात की आशंका बहुत कम है कि देश में पहली और दूसरी की तरह कोरोना की तीसरी लहर आएगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से केसों में गिरावट देखने को मिल रही है, उससे साफ है कि वैक्सीन से लोगों की रक्षा हो रही है। फिलहाल बूस्टर डोज की जरूरत नहीं है।
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि जिस तरह से वैक्सीन के प्रभाव के चलते संक्रमण की रफ्तार थमी और अस्पतालों पर दबाव कम हुआ है, उससे हर दिन तीसरी लहर आने का डर खत्म हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता भी है तो शायद यह पहली और दूसरी लहर की तरह खतरनाक न हो। उन्होंने कहा कि गुजरते समय के साथ यह महामारी बीमारी में तब्दील हो जाएगी।