राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि I मणिपुर के जिरिबाम में शांति बहाल करने के समझौते के 24 घंटे के भीतर फिर से हिंसा हुई। जिरिबाम के लालपानी गांव में शुक्रवार (2 अगस्त) की रात हथियारबंद लोगों ने कई राउंड फायरिंग की। एक घर में आग लगा दी। हालांकि, वहां कोई रहता नहीं था।
अधिकारियों ने बताया कि लालपानी में मैतेई लोगों के घर हैं। यहां के अधिकांश लोगों ने जिले में हिंसा भड़कने के बाद घर छोड़ दिया था। उपद्रवियों ने यहां सुरक्षा-व्यवस्था में ढील का फायदा उठाकर हमला किया। हमलावरों की अभी तक पहचान नहीं हुई है।
घटना के बाद सुरक्षाबलों को इलाके में भेजा गया है। मैतेई और कुकी समुदायों ने गुरुवार (1 अगस्त) को असम के कछार से सटे CRPF ग्रुप सेंटर में एक बैठक के बाद शांति समझौता पर हस्ताक्षर किए थे।
दोनों समुदायों ने जिले में स्थिति सामान्य करने, आगजनी और गोलीबारी की घटनाओं को रोकने की बात कही थी। दोनों पक्षों ने सुरक्षाबलों को भी पूरा साथ देने का आश्वासन दिया था।
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि पिछले 5 साल में राज्य में कुल 10,675 घुसपैठिए आए हैं। उन्होंने 12वीं विधानसभा के छठे सेशन में कहा- ये घुसपैठिए म्यांमार, बांग्लादेश, नॉरवे, चीन और नेपाल से आए हैं।
इन 10,675 में से 85 पिछले 5 साल में वापस भेज दिए गए। फिलहाल 143 घुसपैठिए डिटेंशन सेंटर में हैं। इन लोगों के मेंटेनेंस में 85 लाख से ज्यादा खर्चा हो रहा है। अवैध अप्रवासियों को रोकने के लिए सरकार वेरिफिकेशन प्रोग्राम चला रही है।
CM ने कहा कि राज्य में हिंसा भड़कने से पहले ही म्यांमार से 2,480 अवैध अप्रवासी आ गए थे। इन्हें रोकने के लिए केंद्र सरकार ने भारत-म्यांमार बॉर्डर पर फेंसिंग की घोषणा की है। फेंसिंग का काम पहले ही शुरू हो चुका है। पिलर 79 से 81 के बीच 9 किलोमीटर की बॉर्डर फेंसिंग हो भी चुकी है।