राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। 14 जनवरी की रात करीब 9 बजे सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करेगा। इस वजह से 14 को मकर संक्रांति मनाई जाएगी और 15 जनवरी को संक्रांति से जुड़े पुण्य कर्म किए जाएंगे। मकर संक्रांति की तारीख को लेकर पंचांग भेद भी हैं। सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो संक्रांति कहते हैं। 14 जनवरी को सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करेगा। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश को मकर संक्रांति कहते हैं। मकर राशि का स्वामी शनि ग्रह है। शनि को सूर्य का पुत्र माना जाता है। जब सूर्य मकर राशि में आता है तो ऐसा माना जाता है कि सूर्य अपने पुत्र के घर आए हैं। मकर राशि में सूर्य के आने से खरमास खत्म हो जाएगा और सभी तरह के मांगलिक कर्म फिर से शुरू हो जाएंगे। मकर संक्रांति सूर्य पूजा का महापर्व है। इस दिन सूर्य देव के लिए विशेष पूजा करनी चाहिए। इस दिन किसी पवित्र में स्नान करें और सूर्य को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए। सूर्य पूजा का महत्व श्रीकृष्ण ने अपने पुत्र सांब को बताया था। ये प्रसंग ब्रह्मपुराण में बताया गया है। श्रीकृष्ण ने सांब को बताया था कि वे स्वयं भी सूर्य की पूजा करते हैं।