राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि! मारुति सुजुकी का वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में मुनाफा सालाना आधार (YoY) पर 47% बढ़कर ₹3,650 करोड़ रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का स्टैंडअलोन मुनाफा ₹2,485 करोड़ रहा था।
मारुति सुजुकी ने आज यानी 31 जुलाई को पहली तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। कंपनी के ऑपरेशन से स्टैंडअलोन रेवेन्यू यानी आय में सालाना आधार पर 10% की बढ़ोतरी हुई है।
पहली तिमाही में रेवेन्यू ₹35,531 करोड़ रहा
FY25 की पहली तिमाही में ऑपरेशन से रेवेन्यू ₹35,531 करोड़ रहा। एक साल पहले की समान तिमाही यानी FY24 की पहली तिमाही में रेवेन्यू ₹32,327 करोड़ रहा था।
पहली तिमाही के दौरान मारुति सुजुकी ने टोटल 5,21,868 गाड़ियां बेची हैं, जो पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 4.8% ज्यादा है।
वहीं अप्रैल-जून तिमाही के दौरान डोमेस्टिक मार्केट में कंपनी ने 4,51,308 गाड़ियां बेची हैं, जो Q1FY24 की तुलना में 3.8% ज्यादा है। कंपनी का एक्सपोर्ट 70,560 यूनिट्स रहा, जो Q1FY24 की तुलना में 11.6% ज्यादा है।
मारुति सुजुकी का शेयर आज 3.89% बढ़कर ₹13,375 पर बंद हुआ। पिछले एक साल में कंपनी के शेयर ने 36.19% का रिटर्न दिया है। बीते 6 महीने में शेयर 31.30% चढ़ा है। कंपनी का मार्केट कैप 4.14 लाख करोड़ रुपए है।
कंपनियों के रिजल्ट दो भागों में आते हैं- स्टैंडअलोन और स्टैंडअलोन। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है। जबकि, स्टैंडअलोन या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है।
1981 के भारत सरकार के स्वामित्व में बनी थी मारुति
मारुति सुजुकी की स्थापना 24 फरवरी 1981 के भारत सरकार के स्वामित्व में मारुति इंडस्ट्रीज लिमिटेड रूप में हुई थी। 1982 में कंपनी ने जापान की सुजुकी कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर जॉइंट वेंचर ‘मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड’ बनाई।