राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। मॉरीशस की सरकार राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मौके पर 22 जनवरी को हिंदू धर्म मानने वाले कर्मचारियों के लिए 2 घंटे की छुट्टी की घोषणा की है। इस दौरान वे स्थानीय कार्यक्रमों में भाग ले सकेंगे। मॉरीशस की कैबिनेट ने शुक्रवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
मॉरीशस की सरकार राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मौके पर 22 जनवरी को हिंदू धर्म मानने वाले कर्मचारियों के लिए 2 घंटे की छुट्टी की घोषणा की है। इस दौरान वे स्थानीय कार्यक्रमों में भाग ले सकेंगे। मॉरीशस की कैबिनेट ने शुक्रवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
कैबिनेट की तरफ से जारी किए गए में कहा गया है कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन एक ऐतिहासिक घटना है। यह अयोध्या में भगवान राम की वापसी का प्रतीक है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए 22 जनवरी को दोपहर 2 बजे से हिंदुओं को दो घंटे की स्पेशल छुट्टी दी जाएगी।
मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जुगनाथ ने कैबिनेट के इस फैसले पर कहा कि यह भावनाओं और परंपराओं का सम्मान करने के लिए छोटा सी कोशिश है। बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में PM मोदी सहित कई सीनियर नेता मौजूद रहेंगे। पूरे कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा।
अफ्रीकी देश मॉरीशस में हिंदू सबसे बड़ा धर्म है। 2011 के सेंसस के मुताबिक, यहां करीब 48.5% आबादी हिंदू है। यह अफ्रीका का इकलौता ऐसा देश है, जहां इतनी बड़ी तादाद में हिंदू रहते हैं। वैश्विक स्तर पर देखा जाए, तो हिंदूओं की आबादी के मामले में भारत और नेपाल के बाद मॉरीशस का ही नाम आता है।
मॉरीशस में हिंदू धर्म तब आया जब भारतीय मजदूरों को कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर फ्रांसीसी कॉलोनियों में लाया गया था। इसके बाद इन्हें मॉरीशस सहित हिंद महासागर के कई द्वीपों पर ब्रिटिश कॉलोनियों में भी काम पर लगाया गया। यह मजदूर मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से आए थे। बाद में इनमें से बड़ी संख्या में लोग मॉरीशस में ही बस गए।
7 दिन तक चलेगा प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम
अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा। मंदिर के अधिकारियों के मुताबिक अभिषेक समारोह 16 जनवरी से शुरू होकर सात दिनों तक चलेगा।
- 16 जनवरी को मंदिर ट्रस्ट, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तरफ से नियुक्त किए गए यजमान प्रायश्चित समारोह की शुरुआत करेंगे। सरयू नदी के तट पर ‘दशविध’ स्नान, विष्णु पूजा और गायों को प्रसाद दिया जाएगा।
- इसके बाद 17 जनवरी को 7 साल के रामलला की मूर्ति के साथ एक काफिला अयोध्या पहुंचेगा। श्रद्धालु मंगल कलश में सरयू नदी का जल लेकर राम जन्मभूमि मंदिर आएंगे।
- 18 जनवरी को गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण और वास्तु पूजा के साथ औपचारिक अनुष्ठान शुरू होंगे। 19 जनवरी को ही पवित्र अग्नि जलाई जाएगी। इसके बाद नवग्रह की स्थापना और हवन किया जाएगा।
- राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह को 20 जनवरी को सरयू जल से धोया जाएगा, जिसके बाद वास्तु शांति और ‘अन्नाधिवास’ अनुष्ठान होगा।
- 21 जनवरी को रामलला की मूर्ति को 125 कलशों के जल से स्नान कराया जाएगा। आखिरी दिन 22 जनवरी को सुबह की पूजा के बाद दोपहर में ‘मृगशिरा नक्षत्र’ में रामलला के मूर्ति का अभिषेक किया जाएगा।