अधिकारियों ने बस किराया बढ़ाने का प्रस्ताव जल्द ही परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को भेजने की बात कही। अब शासन स्तर पर ही किराया बढ़ाने पर निर्णय होगा।
भोपाल (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): एक घंटे चली बैठक में बोर्ड के सदस्य दो बस संचालकों ने यात्री बसों का किराया 60 फीसद तक बढ़ाने की मांग परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव एसएन मिश्रा, उप परिवहन आयुक्त (वित्त) गुणवंत सेवतकर सहित अन्य अधिकारियों के समक्ष रखी। मध्य प्रदेश में संचालित यात्री बसों का किराया बढ़ाने को लेकर शुक्रवार को मंत्रालय में किराया बोर्ड की बैठक हुई।
परिवहन अधिकारियों ने कहा कि इतना किराया बढ़ाने की मांग सही नहीं है। अन्य प्रदेशों में लिए जा रहे किराए का भी अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद ही शासन स्तर पर किराया बढ़ाने का फैसला होगा। जिस पर बस संचालकों ने कहा कि 50 फीसद तो किराया बढ़ाया जाना चाहिए। पहले पांच किमी का किराया सात से बढ़ाकर दस रुपये और फिर एक से बढ़ाकर डेढ़ रुपये किराया किया जाए। मध्य प्रदेश प्राइम रूट बस एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष चरणजीत गुलाटी ने अधिकारियों से कहा कि 28 मई 2018 में यात्री बसों का किराया 92 पैसे से बढ़ाकर 1 रुपये प्रति किलोमीटर किया गया था।
करीब ढ़ाई साल में डीजल 67.9 से बढ़कर 83 रुपये प्रति लीटर हो गया है। टायर व अन्य उपकरण के दाम भी करीब 10 फीसद तक बढ़ गए हैं। ऐसे में 60 फीसद तक बसों का किराया बढ़ाया जाए।
विधानसभा उप चुनाव के चलते शासन किराया बढ़ाकर आम जनता पर बोझ डालना नहीं चाह रहा। सूत्रों की मानें तो शासन 25 से 30 फीसद तक यात्री बसों का किराया बढ़ाने पर आगामी दिनों में फैसला ले सकता है।