महामारी के मुश्किल समय में सटोरियों ने सोने-चांदी के भावों को कृत्रिम रूप से नयी उंचाइयों पर पहुंचा दिया है। परिणामस्वरूप इन महंगी धातुओं के जेवरात आम ग्राहकों की पहुंच से और दूर हो गये हैं। धन की तंगी के चलते ज्यादातर ग्राहकों ने शादी-ब्याह के लिये जेवरात के ऑर्डर रद्द कर दिये हैं।”-सर्राफ ने बताया।
इंदौर: “कोविड-19 के जारी संकट के कारण मार्च के मुकाबले जुलाई में हमारा कारोबार 80 प्रतिशत तक गिर गया है” – संतोष सर्राफ, मध्यप्रदेश सर्राफा एसोसिएशन के सचिव ने बताया। सर्राफा उद्योग के कारोबारियों ने त्योहारी मौसम से पहले कोविड-19 महामारी की वजह से डिजिटल रास्ता अख्तियार करने का फैसला किया है। इसके तहत ये कारोबारी मोबाइल ऐप और वेबसाइट के जरिये भी अपने उत्पाद बेचेंगे।
शहर में पिछले चार महीनों के दौरान कोविड-19 के प्रकोप के साथ ही काम-धंधा ठप पड़ जाने के कारण करीब 18,000 कारीगरों में से 14,000 लोग अपने घरों को लौट चुके हैं।
मध्य भारत में सर्राफा कारोबार का गढ़ माने जाने वाले इंदौर में कोरोना वायरस के कारण जेवरात निर्माण उद्योग की चमक भी फीकी पड़ गयी है। इस उद्योग से जुड़े ज्यादातर कारीगर पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं।
संगठन अपने करीब 25,000 में से करीब 7,000 सदस्यों के तैयार आभूषणों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जल्द ही पेश करने जा रहा है, ताकि कठिन हालात में कारोबार बचाया जा सके। इसके लिये मोबाइल ऐप और वेबसाइट तैयार की गयी है।
‘लॉकडाउन खत्म होने के बाद जब कारीगर पश्चिम बंगाल से इंदौर वापसी का मन बना रहा थे, तब सोने-चांदी के भावों में बेतहाशा तेजी से सर्राफा कारोबार और मंद पड़ गया जिससे कि ज्यादातर कारीगरों ने वापसी का फैसला टाल दिया है।’