राष्ट्र आजकल/न्यूज़ डेस्क
भोपाल:मध्यप्रदेश के ग्राम पंचायत सचिव 6 मार्च को परिवार के साथ धरने पर बैठेंगे। 5 महीने से सैलरी नहीं मिलने वे नाराज हैं। उनका कहना है कि वेतन नहीं मिलने से आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं। धरने की अनुमति एक महीने पहले से मांग चुके हैं, जो अब तक नहीं दी गई है। यदि अनुमति नहीं मिलती है तो रोशनपुरा चौराहे से विधानसभा का घेराव करने जाएंगे। इधर, मंगलवार को विधानसभा में भी सचिवों की मांगों का मुद्दा उठा।

इन मांगों को लेकर परेशान सरपंचों की 11 सूत्रीय मांग समेत पंचायत सचिवों का विभाग में संविलियन, 6वें वेतनमाान की गणना नियुक्ति दिनांक से करने, सातवां वेतनमान वर्ष 2018 से एरियर सहित देने, अनुकंपा नियुक्ति का सरलीकरण कर प्रदेश में लंबित अनुकंपा के 400 आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने, सहायक सचिवों का जिला संवर्ग में संविलियन कर एक निश्चित वेतनमान पर नियमितिकरण आदि।
विधानसभा में भी उठा मुद्दा
मंगलवार को विधानसभा में पंचायत सचिवों की मांगों का मामला उठा। विधायक झूमा सोलंकी ने पंचायत सचिव को सांतवा वेतनमान, पंचायत विभाग में संविलियन और नियमितिकरण का मामला उठाया। इस पर पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने कहा कि सचिव और रोजगार सहायकों के सातवें वेतनमान और नियमितिकरण के लिए कमेटी बनाई है। उसकी रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की जाएगी। झूमा सोलंकी बोलीं कि कमेटी बनने के बाद एक भी बैठक नतीजे की नहीं हुई हैं। ये कर्मचारी गांव के सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं। इस पर पंचायत मंत्री बोले कि नियमितिकरण की प्रक्रिया लंबी होती है। 3 मार्च को इस समिति की बैठक होगी। उसमें वित्त विभाग का मामला भी होता है।