जेएएच के ब्लड बैंक में अब तक 22 लोगों ने ही प्लाज्मा दिया है। इसके लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम मिलकर काम करेगी।
जरूरतमंद मरीज के परिजन व अस्पताल प्रबंधन प्लाज्मा के लिए परेशान हैं और अब तक ठीक हो चुके मरीज प्लाज्मा देने से कतरा रहे हैं और इससे ये संकट बढ़ा हुआ है। स्थिति ये है कि ग्वालियर में अप्रैल से अब तक 5094 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं, लेकिन प्लाज्मा देने के लिए इससे आधा प्रतिशत भी लोग सामने नहीं आए।
बीते दो सप्ताह से शहर में ए और ओ पॉजिटिव ग्रुप में प्लाज्मा की ज्यादा जरुरत रही है। इसके लिए मरीजाें के परिजन और डाॅक्टराें काे बड़ी मशक्कत करनी पड़ी, जिसमें से कई लोगों को प्लाज्मा नहीं मिल पाया। जेएएच में जितने लोगों ने प्लाज्मा डोनेट किया है, उनमें ज्यादातर बी पॉजिटिव ग्रुप का प्लाज्मा आया है।
बताया जाएगा कि प्लाज्मा डोनेट करने से कोई दिक्कत नहीं आती, बल्कि दूसरी जिंदगी बचाने में मदद मिलती है। प्रशासन ठीक हो चुके मरीजों को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए मुहिम शुरू करेगा। प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम इन लोगों से संपर्क कर एंटीबॉडी टेस्ट कराने व प्लाज्मा डोनेट करने का आग्रह करेगी।
प्लाज्मा लिए जाने से पहले डोनर की एंटीबॉडी जांच की जाती है और उस रिपोर्ट में सबकुछ ठीक पाए जाने पर ही प्लाज्मा लिया जाता है। ग्वालियर में इसके लिए जेएएच के ब्लड बैंक में ठीक हो चुके मरीजों से प्लाज्मा लिया जा रहा है। अभी तक यहां 22 लोगों ने ही प्लाज्मा डोनेट किया है।
अभी तक काफी कम लोग प्लाज्मा डोनेट करने आए हैं। जिस कारण मरीजों को प्लाज्मा उपलब्ध कराने को लेकर दिक्कत आ रही है।
लोग प्लाज्मा डोनेट करने के लिए आगे आएं और मरीजों के लिए पर्याप्त मात्रा में प्लाज्मा मिल सके। इसके लिए ठीक हो चुके मरीजों को प्रेरित किया जाएगा कि वे प्लाज्मा डोनेट करें।