क्वारनटीन परिजनों को न राशन मिल पा रहा है और न पानी. वो बारिश का पानी पीने को मजबूर हैं.
स्वास्थ्य अधिकारी ने इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को भी नहीं दी. वहीं ग्रामीणों के सौतेले व्यवहार के चलते परिजनों को खाने के लाले पड़े रहे हैं. मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के ओबेदुलागंज ब्लॉक में कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है.
खसरोद ग्राम में कोरोना संक्रमित युवक के परिजनों को एक टपरिया में 17 अगस्त को गाय और भैसों के साथ होम क्वारनटीन कर दिया गया. कोरोना संक्रमित युवक के परिजनों के गांववालों के सौतेले व्यवहार का भी शिकार होना पड़ा है.
ऐसी स्थिति में क्वारनटीन परिजनों को न राशन मिल पा रहा है और न पानी. वो बारिश का पानी पीने को मजबूर हैं. आलम यह है कि स्वास्थ्य अधिकारी ने इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को भी नहीं दी. वहीं ग्रामीणों के सौतेले व्यवहार के चलते परिजनों को खाने के लाले पड़े रहे हैं.
यहां तक कि खुद उन्होंने ही स्वास्थ्य विभाग, तहसीलदार और वरिष्ठ अधिकारियों को लड़के के कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना दी थी. पीड़ित परिजनों ने बताया कि जब से उन्हें क्वारनटीन किया गया तब से स्वास्थ्य विभाग का कोई अधिकारी उनकी सुध लेने नहीं आया है और न ही किसी प्रशासनिक अधिकारी ने उनकी खोज खबर ली है.
गौहरगंज, रायसेन के एसडीएम अनिल जैन ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. इस मामले को देखते हैं. जबकि कोरोना संक्रमित मरीज की मां आंगनबाड़ी सहायिका के रूप में कार्यरत है, संक्रमित युवक के पिता ने बताया कि सूचना देने के एक दिन बाद स्वास्थ्य विभाग ने गाड़ी भेज कर हमारे बेटे को भोपाल कोविड सेंटर ले गया. वहीं जब इस विषय पर प्रशासनिक अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने रटारटाया जवाब दे दिया.