भोपाल में लगता जा रहा है सरपंचों का जमघट
राष्ट्र आजकल न्यूज़ डेस्क भोपाल
मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव निरस्त होने के बाद पंचायतों के संचालन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. प्रदेश में पहले पंचायतों के संचालन की जिम्मेदारी सरपंच और सचिवों को दी गई थी लेकिन दो बाद ही शिवराज सरकार ने यह फैसला वापस ले लिया और सरपंच सचिवों को दिए गए वित्तीय अधिकार वापस ले लिए. जिसके बाद प्रदेश में अब सरपंच लामबंद होते नजर आ रहे हैं. एक बार फिर सरपचों ने उन्हें उनके वित्तीय अधिकार वापस करने की मांग की है
सरपंचों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
दरअसल, सरपंचों के वित्तीय अधिकार वापस लेने के बाद सभी जिलों के सरपंच मुखर नजर आ रहे हैं. छिंदवाड़ा जिले में भी सभी कलेक्टर और जनसुनवाई में पहुंचे और उन्होंने अपने वित्तीय अधिकार वापस देने के लिए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. सरपंचों ने मांग करते हुए कहा कि उन्हें फिर से पंचायतों के संचालन की जिम्मेदारी वापस दी जाए. सरपंचों ने कहा पंचायतों को राज्य के प्रशासकीय अधिकारी चला रहे है जो सही नहीं है.
सरपंचों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है. सरपंचों ने अपने ज्ञापन के माध्यम से मांग उठाई की न्यायालय ने पंचायत चुनाव पर अनिशिचत काल के लिए रोक लगा दी है, ऐसे में पंचायत में वित्तीय अधिकार की मांग सरपंचों ने उठाई है. सरपंचों का कहना है कि अगर उन्हें उनके वित्तीय अधिकार फिर से वापस नहीं दिए गए तो वे पूरे प्रदेश में आंदोलन करेंगे.
बता दें कि मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव पिछले दो साल से भी ज्यादा समय से रुके हुए हैं. ऐसे में सरपंचों का पांच साल का कार्यकाल सात साल तक हो चुका है. लेकिन हाल ही में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वापस लिए गए फैसले के बाद वर्तमान में पंचायतों का वित्तीय अधिकार प्रशासनिक अधिकारियों के पास है. जिसका सभी सरपंच विरोध कर रहे हैं. उनकी मांग है कि सरपंचों को उनके वित्तीय अधिकार फिर से मिलने चाहिए.