राष्ट्र आजकल/हेमंत वर्मा /राजनांदगांव छत्तीसगढ़
राजनंदगांव पत्रकारों के अंतरराष्ट्रीय संगठन आईरा इंटरनेशनल रिपोर्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत वर्मा ने बस्तर के बीजापुर के बस्तर जंक्शन के रिपोर्टर एवं एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या की सीबीआई जांच की मांग किया है हेमंत वर्मा ने आगे कहा कि हम शुरू से इस बात को इंगित कर रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में निष्पक्ष निर्भीक पत्रकारिता करना खतरे से खाली नहीं है कल तक सिर्फ पत्रकारों पर जानलेवा हमले होते थे अब तो हत्या जैसी वारदात भी होने लगी है बिल्कुल युपी और बिहार की तर्ज पर मुकेश चंद्राकर 1 तारीख को घर से शाम को लापता होता है और 3 तारीख को शाम को उसकी डेड बॉडी एक ठेकेदार की सेप्टिक में पाई जाती है वह भी बिल्कुल क्षत विछत से तरीके से बस्तर की अगर बात किया जाए तो छत्तीसगढ़ का सर्वाधिक धुर मावोवाद प्रभावित इलाका है लेकिन माओवादियों की अगर बात किया जाए वह ज्यादातर पुलिस को टारगेट करती है अगर मुकेश चंद्राकर जैसे जांबाज पत्रकार की बात किया जाए तो वह वही पत्रकार हैं जिन्होंने 2 साल पहले सीआरपीएफ के एक जवान के अगवा होने के बाद नक्सलियों के मांद से वापस लाने में बड़ी भूमिका का निर्वहन
किया था इस पूरे मामले की जांच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय करने की बात कही है वहीं दूसरी ओर पुलिस ने ठेकेदार के एक भाई को गिरफ्तार किया गया है और बताया जा रहा है कि पूरा उसकी फैमिली यहां से फरार है दूसरी ओर एक टीम दिल्ली के लिए भी भेजी गई है अब जरा भ्रष्टाचार के खुलासे पर अगर बात किया जाए तो मुकेश चंद्राकर ने कुछ दिन पहले एक सड़क की क्वालिटी पर कवर स्टोरी किया था जिसकी लागत पहले 55 करोड़ थी जिसे बाद में बढ़ा कर 120 करोड़ किया गया और इस ठेकेदार को लंबा चौड़ा पेमेंट किया गया है सुरेश चंद्राकर नाम का ठेकेदार जो कि इस सड़क का निर्माण कर रहे हैं और आपको बता दे कि बस्तर में ठेकेदार ही नेता होता है नेता यानी कि माफिया और पुलिस अपराधिक लोगों का सिंडिकेट संगठित अपराध इस मामले में जांच के लिए कमेटी भी गठित किया गया है जिस ठेकेदार को सड़क का ठेका दिया गया है दो दिन पहले ठेकेदार के भाई नरेश ने पत्रकार मुकेश को मिलने के लिए बुलाया और उसके बाद 2 दिन बाद ठेकेदार के घर के पीछे सेफ्टी टैंक में उनकी सडी गली अवस्था में डेड बॉडी मिली इस पूरे मामले की जांच देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई सेंट्रल ब्यूरो इन्वेस्टिगेशन से करने की प्रदेश अध्यक्ष हेमंत वर्मा शासन प्रशासन से किया है क्योंकि आमतौर पर ऐसे मामले में फौरी तौर पर तो कार्रवाई हो जाती है लेकिन बाद में जांच गति धीमी होने की वजह से अपराधी को इसका लाभ मिल जाता है और इस मामले में दोषियों को फांसी की सजा भी देने की मांग हेमंत वर्मा ने किया है