जबलपुर राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि | नकली रेमदेसीविर इंजेक्शन मामले में फंसे सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। जबलपुर की ओमती थाना पुलिस ने सरबजीत मोखा की गिरफ्तारी के बाद अब उनकी पत्नी और अस्पताल में पदस्थ मैनेजर को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक दोनों ने ही सबूत छुपाने का अपराध किया है जिसके चलते उन्हें हिरासत में लिया गया।ओमती थाना पुलिस ने नकली रेमदेसीविर इंजेक्शन मामले में फंसे सरबजीत सिंह मोखा की पत्नी जसमीत सिंह मोखा और अस्पताल की मैनेजर सोनिया को गिरफ्तार किया है। पुलिस का मानना है कि दोनों ही महिलाओं ने इस पूरे मामले में सहयोग न करने और साक्ष्य छिपाने का आरोप किया है। जिसके चलते दोनों के खिलाफ गिरफ्तार कर कार्यवाही की जा रही है। पुलिस का मानना है कि दोनों में नकली इंजेक्शन नोकर के हाथों नाले में फ़िकवाये थे।सरबजीत सिंह मोखा का बेटा अभी भी फरार बताया जा रहा है कि नकली रेमडीसीवीर इंजेक्शन मामले में सरबजीत सिंह मोखा का बड़ा बेटा हरकरण सिंह मोखा मुख्य आरोपी है। हरकरण सिंह ने नकली आईडी बनाकर इंजेक्शन खरीदे थे। जिसके सबूत पुलिस जुटाने में जुटी हुई है पुलिस अब पूर्व में लगी धाराओं में 201 धारा का भी इजाफा करेगी।कुछ अहम जानकारी लगी है हाथ, जल्द होगा खुलासानकली रेमदेसीविर इंजेक्शन की चर्चा आज संस्कारधानी जबलपुर सहित पूरे देश में चल रही है कि आखिर कैसे एक बड़े अस्पताल के संचालक ने चंद रुपए कमाने के लिए मरीजों की जान से खिलवाड़ किया था। जबलपुर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा की माने तो इस पूरे मामले में कुछ अहम जानकारी पुलिस के हाथ लगी है। जिसका कि जल्द ही खुलासा किया जाएगा। गौरतलब है कि सरबजीत सिंह मोखा और अस्पताल का एक कर्मचारी देवेश चौरसिया केंद्रीय जेल जबलपुर में बंद है जबकि मेडिकल संचालक सपन जैन अभी गुजरात पुलिस की हिरासत में है।