राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 18वें आसियान-भारत सम्मेलन में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि, ‘इतिहास गवाह है कि भारत और आसियान के बीच हजारों साल से जीवंत संबंध रहे हैं। इनकी झलक हमारे साझा मूल्य, परम्पराएं, भाषाएं, ग्रन्थ, वास्तुकला, संस्कृति, खान-पान, दिखाते हैं। इसलिए आसियान की यूनिटी और सेंट्रलिटी (केंद्रीयता) भारत के लिए सदैव एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2022 में हमारी पार्टनरशिप के 30 साल पूरे होंगे। भारत भी अपनी आजादी के 75 साल पूरे करेगा। मुझे बहुत खुशी है कि इस महत्वपूर्ण पड़ाव को हम ‘आसियान-भारत मित्रता वर्ष’ के रूप में मनाएंगे।
मोदी ने आगे कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण हम सभी को अनेक चुनौतियों से जूझना पड़ा। लेकिन ये चुनौतीपूर्ण समय भारत-आसियान मित्रता की कसौटी के लिए अहम रहा है। कोविड के काल में हमारा आपसी सहयोग, आपसी संवेदना भविष्य में हमारे संबंधों को बल देते रहेंगे।
दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन के ब्रुनेई में हो रहे इस समिट में मोदी वर्चुअली जुड़े। इस सम्मेलन में आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्ष और सरकारों के मुखिया शामिल हुए।
यह सम्मेलन हर साल आयोजित किया जाता है। इसमें आसियान और भारत को टॉप लेवल पर बातचीत का मौका मिलता है। सरकार के मुताबिक आसियान-भारत साझेदारी साझा भौगोलिक, ऐतिहासिक और सभ्यता के मजबूत आधारों पर बेस्ड है।