राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि | बच्चा जब जन्म लेता है तो डॉक्टर ही हैं जो मां के गर्भ से शिशु को दुनिया में लाते हैं। उसके बाद शिशु को रोगों से बचाने और सेहतमंद रखने के लिए जरूरी सभी जानकारी और वैक्सीनेशन आदि भी डॉक्टर की जिम्मेदारी होती है। जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता है, उसके शरीर में बदलाव शुरू होते हैं। इन सब बदलावों, समाज व लाइफस्टाइल का असर इंसान के स्वास्थ्य पर पड़ता है। एक डॉक्टर ही शारीरिक, मानसिक तकलीफ से ग्रसित इंसान के सभी दर्द और रोगों का निवारण करता है। इसलिए भारत में डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है। डॉक्टरों के इसी सेवा भाव, जीवन रक्षा के लिए किए जा रहे प्रयत्नों और उनके काम को सम्मान देने के लिए हर साल जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है। ये दिन डॉक्टरों को धन्यवाद देने का होता है। हर साल 1 जुलाई डॉक्टर्स डे यानी राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन सभी लोग, जिनका जीवन किसी न किसी डॉक्टर से जुड़ा हो, वह चिकित्सक को धन्यवाद करते हैं। एक शिशु के तौर पर उन्हें इस दुनिया में लाने के लिए और उन्हें सेहतमंद रखने के लिए डॉक्टर के प्रयासों के लिए उनका आभार जताया जाता है। साल 2022 डाक्टर्स डे की थीम ‘फैमली डॉक्टर्स ऑन दि फ्रंट लाइन’ है। एक जुलाई को ही डॉक्टर दिवस मनाने की एक खास वजह भी है। महान चिकित्सक डॉ बिधान चंद्र रॉय का जन्मदिन 1 जुलाई 1882 को हुआ था। इतना ही नहीं एक जुलाई 1962 को ही डॉ बिधान का निधन हुआ था। इसी वजह से उनके जन्मदिन और पुण्यतिथि के दिन पर ही उनकी याद में हर चिकित्सक को सम्मान देने के लिए एक जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाने की घोषणा की गई।