राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । वन नेशन वन इलेक्शन पर विचार के लिए बनाई गई पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने गुरुवार (14 मार्च) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। यह 18,626 पन्नों की है। इसमें कहा गया है पैनल का गठन 2 सितंबर 2023 को किया गया था। यह रिपोर्ट स्टेकहोल्डर्स-एक्सपर्ट्स से चर्चा के बाद 191 दिन की रिसर्च का नतीजा है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एक देश-एक चुनाव पर 47 राजनीतिक दलों ने कमेटी को अपनी राय दी। इनमें से 32 ने पक्ष में और 15 ने विपक्ष में मत रखा है।
• सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक बढ़ाया जाए।
• हंग हाउस, नो कॉन्फिडेंस मोशन होने पर बाकी 5 साल के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं।
• पहले फेज में लोकसभा-विधानसभा चुनाव एकसाथ कराए जा सकते हैं, उसके बाद दूसरे फेज में 100 दिनों के भीतर लोकल बॉडी के इलेक्शन कराए जा सकते हैं।
• चुनाव आयोग लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनावों के लिए राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से सिंगल वोटर लिस्ट और वोटर आई कार्ड तैयार करेगा।
• कोविंद पैनल ने एकसाथ चुनाव कराने के लिए उपकरणों, जनशक्ति और सुरक्षा बलों की एडवांस प्लानिंग की सिफारिश की है।
कोंविद पैनल एक देश-एक चुनाव पर रिपोर्ट तैयार करने से पहले 7 देशों की चुनाव प्रक्रिया पर स्टडी की। इनमें दक्षिण अफ्रीका, जर्मनी, स्वीडन, बेल्जियम, जापान, इंडोनेशिया, फिलीपींस शामिल हैं। कोविंद पैनल के मुताबिक एकसाथ चुनाव के लिए अन्य देशों का तुलनात्मक विश्लेषण किया गया। जिसका उद्देश्य चुनावों में निष्पक्षता और पारदर्शिता के लिए सबसे बेहतर अंतर्राष्ट्रीय प्रथाओं की स्टडी और उन्हें अपनाना था।
• दक्षिण अफ्रीका- यहां वोटर नेशनल असेंबली और प्रॉविन्शियल लेजिस्लेचर दोनों के लिए एकसाथ वोटिंग करते हैं। हालांकि, नगरपालिका चुनाव, प्रांतीय चुनाव से अलग होते हैं। 29 मई को दक्षिण अफ्रीका में नई नेशनल असेंबली के साथ-साथ हर प्रॉविन्स के लिए प्रांतीय विधानमंडल के चुनाव होंगे।
• स्वीडन- ये देश आनुपातिक चुनावी प्रणाली अपनाता है। यानी राजनीतिक दलों को उनके वोटों के आधार पर निर्वाचित विधानसभा में सीटें सौंपी जाती हैं। उनके पास एक ऐसी प्रणाली है जहां संसद (रिक्सडैग), काउंटी और नगर परिषदों के लिए चुनाव एक ही समय में होते हैं। ये चुनाव हर चार साल में सितंबर के दूसरे रविवार को होते हैं जबकि हर पांच साल में एक बार सितंबर के दूसरे रविवार को नगरपालिका विधानसभाओं के चुनाव होते हैं।
• जर्मनी/जापान- समिति के सदस्य सुभाष सी कश्यप ने बुंडेस्टाग द्वारा चांसलर की नियुक्ति की प्रक्रिया के अलावा अविश्वास के रचनात्मक वोट के जर्मन मॉडल का समर्थन किया। उन्होंने जापान की प्रक्रिया का समर्थन किया। जापान में प्रधानमंत्री को पहले नेशनल डाइट सिलेक्ट करती है। उसके बाद सम्राट मुहर लगाता है। उन्होंने जर्मन या जापानी मॉडल के समान एक मॉडल अपनाने की वकालत की।
• इंडोनेशिया –2019 से एकसाथ चुनाव करा रहा है। यहां राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति दोनों एक ही दिन चुने जाते हैं। “मतदाता गुप्त मतदान करते हैं और डुप्लिकेट मतदान को रोकने के लिए अपनी उंगलियों को अमिट स्याही में डुबोते हैं। 14 फरवरी 2024 को इंडोनेशिया ने एक साथ चुनाव कराए। इसे दुनिया का सबसे बड़ा एक दिवसीय चुनाव कहा जा रहा है क्योंकि लगभग 200 मिलियन लोगों ने सभी पांच स्तरों- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, संसद सदस्य, क्षेत्रीय और नगर निगम के सदस्यों ने वोटिंग की थी।