माइक्रोसॉफ़्ट के बाद अब अमेरिकी कंपनी Oracle ने TikTok का बिजसने ख़रीदने में दिलचस्पी दिखाई है. अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी Oracle ने भी चीनी शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म TikTok के अमेरिकी बिजनेस को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है.
अब माइक्रोसॉफ़्ट को टिक टॉक ख़रीदने में शायद थोड़ी मुश्किल हो सकती है. माइक्रोसॉफ़्ट के बाद अब अमेरिकी कंपनी Oracle ने TikTok का बिजसने ख़रीदने में दिलचस्पी दिखाई है. FT की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ ओरैकल भी इस चीनी ऐप का अमेरिकी बिज़नेस ख़रीद सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक़ सॉफ़्टवेयर कंपनी ओरैकल टिक टॉक की पेरेंट कंपनी बाइटडांस के साथ बातचीत कर रही है. हालाँकि ये शुरुआती बातचीत है. यानी अब माइक्रोसॉफ़्ट को टिक टॉक ख़रीदने में शायद थोड़ी मुश्किल हो सकती है.
इससे पहले ट्रंप के कहने के बाद माइक्रोसॉफ़्ट ने एक स्टेटमेंट में कहा था कि टिक टॉक के अमेरिका बिज़नेस को ख़रीदने की तैयारी चल रही है. आपको बता दें कि अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनल्ड ट्रंप ने एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर पास किया है. इसमें बाइटडांस को ये आदेश दिया गया है कि वो 90 दिन के अंदर अपना अमेरिका में बिज़नेस बेच दे. भारत की बात करें तो यहां टिक टॉक बैन है. हाल ही में एक रिपोर्ट आई है कि मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिलेड टिक टॉक के भारतीय बिज़नेस में निवेश कर सकती है. फ़िलहाल रिलायंस की इस कथित डील के बारे में न तो रिलायंस की तरफ़ से कोई भी स्टेटमेंट जारी किया गया है और न ही टिक टॉक की पेरेंट कंपनी बाइटडांस ने ही इस मामले में कुछ कहा है.
FT ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ओरैकल के अरबपति को-फाउंडर ऐलिसन डोनल्ड ट्रंप के सपोर्ट में बोलते आए हैं. हालाँकि इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ओरैकल अमेरिका की तरफ़ से टिक टॉक ख़रीदने के लिए ऑफिशियल बिडर होगा या नहीं.
कुछ रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया है कि रिलायंस टिक टॉक का भारतीय बिज़नेस अरबों रुपये दे कर ख़रीद भी सकती है. भारत में टिक टॉक पर बैन पहले किया जा चुका है और इसके साथ ही सैकड़ों चीनी ऐप्स भी बैन हैं. टिक टॉक ने भी साफ़ कर दिया है कि वो भारत सरकार के इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ चैलेंज नहीं करेगी.
ये बैन कब हटेगा, सरकार का रूख क्या होगा फ़िलहाल साफ़ नहीं है.