राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि I ऑस्ट्रेलिया में युद्धाभ्यास के दौरान रविवार 27 अगस्त को अमेरिकी मिलिट्री का वी-22 ऑस्प्रे हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। इसमें सवार 23 सैनिक बुरी तरह घायल हो गए। जिनमें से 3 सैनिकों की बाद में मौत हो गई। बाकियों की हालत गंभीर है। BBC ने घटना की जानकारी दी है।
सैनिकों को बचाने के लिए कई घंटों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। हादसा स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 9 बजकर 43 मिनट पर डार्विन शहर के तिवि आईलैंड के तट पर हुआ। मिलिट्री एक्सरसाइज में फिलिपींस और इंडोनेशिया भी शामिल थे।
ऑस्ट्रेलियन डिफेंस फोर्स यानी ADF ने बताया कि इस पल हम सिर्फ सैनिकों को बचाने पर ध्यान दे रहे हैं। डार्विन एयरपोर्ट से रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए केयर फ्लाइट जेट का इस्तेमाल किया गया। कई सैनिकों को इलाज के लिए रॉयल डार्विन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
ये अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बीच इस साल का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास है। इस युद्धाभ्यास में 150 अमेरिकी सैनिक हिस्सा ले रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया की डिफेंस फोर्स के मुताबिक क्रैश हुए हेलिकॉप्टर में सभी सैनिक अमेरिकी थे। हादसे की वजह से युद्धाभ्यास को रोक दिया गया है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी एल्बनीज ने इस घटना पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने हादसे को दुखद बताया। वहीं एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि उन्हें घटना की जानकारी है, पर इस वक्त वो कुछ नहीं कर सकते।
युद्धाभ्यास के दौरान एक महीने में दूसरा बड़ा हादसा
युद्धाभ्यास के दौरान ये दूसरा बड़ा हादसा है। इससे पहले 29 जुलाई को अमेरिका के साथ किए जा रहे युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलियाई मिलिट्री का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। MRH-900 ताइपान हेलिकॉप्टर हेमिलटन आईलैंड के पास क्रैश हुआ था। इसमें चार सैनिकों की मौत हो गई थी।
इस हेलिकॉप्टर को 1989 में डेवलप किया गया था। इसकी प्रोग्राम कॉस्ट उस समय करीब 22 अरब रुपए थी। हाल ही के दिनों में इसके क्रैश होने पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
– इसकी सबसे बड़ी खासियत रॉल्स रॉयस एई-1107सी इंजन थे, इससे गियर बदलते ही स्पीड बढ़ जाती है।
– हेलिकॉप्टर में लगे तीन इंजनों को ड्राइव शॉफ्ट्स से इसलिए जोड़ा गया था, जिससे कि किसी इंजन के फेल हो जाने पर बाकी इंजन उतनी ही स्पीड से काम कर सकें।
– हेलिकॉप्टर की बुलेटप्रूफ कॉकपिट के ग्लास नाइट विजन है, जिसके चलते पायलट अंधेरे में भी बिना लाइट ऑन किए नीचे देख सकता है।
– इसके अलावा हेलिकॉप्टर के दोनों साइड लगे पंखे हवा के रुख के हिसाब से तीन दिशाओं में मुड़ सकते हैं, जिससे हेलिकॉप्टर की स्पीड बनी रहे।
– इन्हें इस तरह डिजाइन किया गया है कि रेस्क्यू के अलावा समय आने पर इनसे दुश्मनों के हेलिकॉप्टर या अन्य वेपंस को टार्गेट किया जा सकता है। ये एम-240 मशीन गन और एम-2 मशीनगन, जॉइंट एयर-टु-ग्राउंड मिसाइल से भी लैस हैं।