शोर्टेज के चलते जिन उद्योगपतियों को ऑर्डर पूरे करके देने हैं। वे महंगे दामों पर सिलिंडर खरीद रहे हैं। मुनाफाखोरों ने सिलिंडर अपने पास जमा कर रखे हैं और वे अब इन सिलिंडरों को मनमाने कीमत पर बेच रहे हैं। 10 क्यूबिक मीटर का जो सिलिंडर पहले उद्योगपतियों को 200 रुपये में मिलता था, अब उसके 1000 रुपये तक चुकाने पड़ रहे हैं।

भोपाल (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): मध्य प्रदेश के दो बड़े औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप एवं गोविंदपुरा इन दिनों ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं। यहां के लगभग 700 से अधिक उद्योगों में पिछले 20 दिन से ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हुई है। इस कारण 600 से ज्यादा उद्योगों में काम ठप है। शासन-प्रशासन स्तर पर कई बार मांग रखने के बावजूद ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं हुई है।
आम दिनों में गोविंदपुरा में 3000 और मंडीदीप में 2500 से अधिक ऑक्सीजन सिलिंडर की प्रतिदिन जरूरत होती है। उद्योगपतियों का कहना है कि लंबित ऑर्डर पूरे करने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत है। इसलिए कुछ सिलिंडर अधिक कीमत चुकाकर खरीदना मजबूरी है।
अस्पताल में जो सिलिंडर पहुंचते हैं, वह साढ़े सात क्यूबिक मीटर के होते हैं, जबकि उद्योगों में उपयोग किए जाने वाले सिलिंडरों की क्षमता 10 क्यूबिक मीटर होती है। अस्पताल व उद्योगों में ऑक्सीजन दो तरह के सिलिंडर में सप्लाई होती है।
पहले 20 रुपये प्रति क्यूबिक मीटर मिलने वाली ऑक्सीजन अब 90 से 100 रुपये में दी जा रही है। यानी पांच गुना कीमत बढ़ गई है। उद्योगों में आइनॉक्स समेत कुछ अन्य कंपनियां ऑक्सीजन की सप्लाई करती हैं। मेडिकल इमरजेंसी के चलते उद्योगों में सप्लाई बंद है। ऐसे में उन लोगों ने मुनाफाखोरी का रास्ता ढूंढ़ निकाला, जिनके पास ऑक्सीजन का पहले से स्टॉक था।