हमार लक्ष्य 35 लाख परिवारों को निमंत्रित करना है – राजेश जैन
राष्ट्र आजकल/मुकेश बैरागी /जिला ब्यूरो भोपाल। विहिप के प्रांत मंत्री एवं अक्षत वितरण अभियान के प्रांत संयोजक राजेश जैन ने कहा कि प्रभु श्री राम धर्म की मूर्ति नहीं विग्रह हैं, स्वयं धर्म हैं। जीवन का मर्म हैं, आदि और अंत हैं। प्रभु श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के पश्चात पहले राजमहल में और अब 500 वर्षों के संघर्ष के पश्चात 22 जनवरी 2024 को जन्म भूमि पर बने भव्य मंदिर में लौट रहे हैं।
श्रीराम की अयोध्या यानि त्याग, अयोध्या यानि लोकतंत्र, अयोध्या यानि मर्यादा है।
उन्होंने कहा कि धर्म की पुनर्स्थापना के लिए संघर्ष सदैव से होता आया है, और यह कभी-कभी सृजन के लिए आवश्यक भी होता है। श्रीराम जन्मभूमि के लिए 72 बार संघर्ष हुआ, हर पीढ़ी ने लड़ाई लड़ी, किंतु कभी हार नहीं मानी। इस संघर्ष में हर भाषा, वर्ग, समुदाय व संप्रदाय के लोगों ने सहभागिता की है ।
राम जी का काम हो रहा है, हमारा सौभाग्य यह नहीं कि हमारे सामने हो रहा है। हमारा सौभाग्य है कि हम सब उसमें अपना-अपना योगदान दे रहे हैं।
1 जनवरी 2024 से अक्षत वितरण अभियान प्रारम्भ हुआ है जो 15 दिन तक चलेंगा
अभी तक मध्यभारत प्रान्त के
सभी 32 जिलों के
12552 मोहल्ले/ग्राम मैं
12000 टोली के
85000 कार्यकर्ताओं के द्वारा
8 लाख 50 हजार परिवार
को अक्षत देकर निमंत्रित किया है।
हमारा लक्ष्य प्रान्त के सभी 16000 ग्राम, और 35 लाख परिवार को निमंत्रित करना है ।
मध्यभारत प्रान्त से 22 जनवरी के कार्यक्रम मे 121 पूज्य संत को अयोध्या जाने का आमंत्रण आया है।
22 जनवरी को सम्पूर्ण प्रान्त मैं भव्य दिव्य दीपोत्सव मानेगा , और प्रान्त के 11000 से अधिक मंदिरों में उत्सव मानेगा ।
22 जनवरी के कार्यक्रमों के लिए हम लाखो परिवारों को निमंत्रित कर विश्व में ‘कृण्वन्तो विश्वमार्यम्’ के उद्घोष को सार्थक करेंगे।
वार्ता मैं श्री के एल शर्मा प्रान्त कार्याध्यक्ष भी उपस्थित रहे ।