राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । आमतौर पर पाकिस्तानी समाज रूढ़ीवादी माना जाता है। जहां महिलाओं के लिए पढ़-लिख कर मुख्यधारा में आना मुश्किल होता है। लेकिन सिंध प्रांत की मनीषा रुपेता ने पुलिस अधिकारी (DSP) बन कर इतिहास रच दिया है। खास बात यह है कि मनीषा पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय से ताल्लुक रखती हैं।
सिंध में ही हर साल हजारों हिंदू लड़कियों का अपहरण और जबरन धर्मांतरण होता है। ऐसे में एक हिंदू लड़की का DSP बनना बड़ी बात मानी जा रही है। दुनिया भर की मीडिया ने इस खबर को तवज्जो दी है।
पाकिस्तान में आम धारणा है कि अच्छे घर की महिलाएं थाने और कोर्ट नहीं जाती हैं। मनीषा पाकिस्तान की इसी सोच को बदलना चाहती हैं। मनीषा ने कहा, ‘बचपन से यही बताया गया कि कौन सा पेशा महिलाओं के लिए है कौर कौन सा नहीं। इसलिए मैं पुलिस में जाकर इस धारणा को बदलना चाहती थी।’
मनीषा पहले डॉक्टर बनना चाहती थीं, लेकिन बस एक नंबर से उनका एडमिशन नहीं हो पाया था। जिसके बाद उन्हें सिंध प्रांत की लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी। जिसमें उन्होंने 16वां स्थान हासिल किया।
इसी इलाके में हर साल होता है हजारों हिंदू और सिख लड़कियों का अपहरण
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हर साल हजारों अल्पसंख्यक लड़कियों का अपहरण के बाद जबरन निकाह करा दिया जाता है। इसमें से कुछ बच्चियों की उम्र तो केवल 10 से 12 साल ही होती है। जर्मनी की सरकारी ब्रॉडकास्टर ‘डॉयचे वेले’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में हर साल एक हजार से अधिक अल्पसंख्यक लड़कियों का अपहरण कर जबरन अधिक उम्र के मुस्लिम पुरुषों से निकाह करा दिया जाता है।
सिंध के जाकूबाबाद की रहने वाली मनीषा ने पिता की मौत के बाद भी मुश्किल हालातों के बीच अपनी पढ़ाई जारी रखी और अब DSP बन कर इतिहास रच दिया है।