राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में पूर्व राष्ट्रपति पेड्रो कास्तिला के समर्थकों और सिक्योरिटी फोर्सेज के बीच मंगलवार को हिंसक झड़प हुई। अब तक 17 लोगों के मारे जाने की खबर है। 73 लोग घायल बताए गए हैं। इनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं।
3.37 करोड़ की आबादी वाले पेरू में सियासी टकराव का दौर नया नहीं है। करीब तीन साल से यहां संसद (कांग्रेस) और प्रेसिडेंट के बीच तनातनी चल रही है। इसकी वजह से कई बार हिंसा हो चुकी है। हालांकि, पहली बार इतने लोग मारे गए हैं। माना जा रहा है कि नई राष्ट्रपति डीना बोलुर्ते जल्द इमरजेंसी का ऐलान कर सकती हैं।
• पेरू में करीब तीन साल से सियासी तनातनी चल रही है। बहरहाल, ताजा मामला दिसंबर में शुरू हुआ। पूर्व राष्ट्रपति पेड्रो कास्तिला पर करप्शन और जबरदस्ती फैसले थोपने के आरोप लगे। कांग्रेस में उनका विरोध शुरू हुआ और इस्तीफे की मांग होने लगी।
• पेड्रो किसी कीमत पर इस्तीफे के लिए तैयार नहीं थे। विपक्ष ने उन्हें पद से हटाने के लिए महाभियोग लाने की तैयारी शुरू की। पेड्रो पहले भी इस तरह की कोशिशों को नाकाम कर चुके थे और उन्हें यकीन था कि इस बार भी अपोजिशन उन्हें कुर्सी से नहीं हटा पाएगी।
• संसद में 130 सदस्य थे और पेड्रो को कुर्सी बचाने के लिए आधे यानी 65 वोट्स की जरूरत थी। कांग्रेस में भले ही बड़े दल एकजुट थे, लेकिन कुछ छोटी पार्टियां पेड्रो के साथ थीं।
• बहरहाल, इस बार पेड्रो की सियासी चाल कामयाब नहीं हुई और संसद में उनके खिलाफ 101 वोट पड़े। पेड्रो को कुर्सी छोड़नी पड़ी। इसके बाद से उनके समर्थक नाराज हैं।