राष्ट्र आजकल/हीरा सिंह उइके/सिंगारपुर मंडला/मंडला:- राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत जिले के 13 बच्चों के दिल की धड़कन अब नहीं थमेगी। सभी सामान्य जीवन जी सकेंगे। जिला शीघ्र पहचान एवं हस्तक्षेप केन्द्र जिला चिकित्सालय मंडला के अंतर्गत हृदय रोग जांच शिविर का शुभारंभ सीएमएचओ श्रीनाथ सिंह द्वारा किया। शिविर में श्री कृष्णा ह्दयालय एवं क्रिटिकल केयर सेंटर से आए विशेषज्ञों की टीम ने 39 हृदय रोगी बच्चों की इको-कार्डियो मशीन से जांच की गई। जिसमें 13 बच्चे हृदय रोग से पीडि़त मिले। 10 बच्चों को फालोअप के लिए दो माह बाद बुलाया गया है। 16 बच्चे ह्दय रोग से पीडि़त नहीं थे।
हदय रोग से पीडि़त चयनित बच्चों का श्री कृष्णा ह्दयालय एवं क्रिटिकल केयर सेंटर में निशुल्क ऑपरेशन किया जाएगा। शिविर में स्वास्थ्य विशेषज्ञ की टीम में श्री कृष्णा ह्दयालय के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. पुष्कराज गडख़ड़े द्वारा जांच प्रशिक्षण किया गया। सीएमएचओ डॉ. श्रीनाथ सिंह ने बताया कि सभी चयनित 13 बच्चों का शासन द्वारा संचालित मुख्यमंत्री बाल ह्दय उपचार योजना के अंतर्गत नि:शुल्क उपचार किया जाएगा।
जिला शीघ्र हस्तक्षेप प्रबंधक अर्जुन सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की योजना राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों को नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाएं जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र में दी जा रही है। जिससे कि पीडि़त बच्चे निरोगी हो सके। इसी उद्देश्य से आरबीएसके अंतर्गत डीईआईसी सेंटर जिला चिकित्सालय मंडला में मुख्यमंत्री बाल ह्दय उपचार योजना के अंतर्गत ह्दय रोग से पीडि़त बच्चों का नि:शुल्क जांच परीक्षा राणा श्री कृष्णा हृदयालय द्वारा इको पद्धति से किया गया शिविर में परीक्षण के बाद चिन्हित बच्चों को शल्य चिकित्सा के लिए निःशुल्क भेजा जाएगा।
इन बच्चों की होगी सर्जरी
आयोजित शिविर में मनीष मनेशवरी कुडापे 11 वर्ष, दिव्यांश पटेल 1 वर्ष 10 माह, विकास भवेदी 5 वर्ष, दीपांशु कोठी 14 वर्ष, ललिता मरावी 18 वर्ष, रुमंती मरावी 18 वर्ष, खुशबू भारतीया 13 वर्ष, रानू मार्को 5 वर्ष, कीर्ति भवेदी 11 वर्ष खुशीलाल नरते, सरिता कुशराम 2 वर्ष, प्रतिभा बैरागी 9 वर्ष, सरिता यादव 6 वर्ष को हृदय की सर्जरी के लिए चयनित किया गया है।
शिविर में सीएमएचओ डॉ श्री नाथ सिंह, आरबी एसके नोडल अधिकारी, डी एच ओ आर के उइके, जिला शीघ्र हस्तक्षेप प्रबंधक अर्जुन सिंह, डीई आईसी से वीरेंद्र पाटिल, डॉ राजकुमार नंदा, डॉक्टर सविता श्याम, डॉक्टर विकास राय, डॉ नीलिमा बहाने, डॉ शशि कला केराम, डॉक्टर ठल्लो राम झारिया, डॉक्टर धनराज भांवरे, डॉक्टर ओपी पटेल, डॉ मुकेश झारिया, डॉक्टर किरण पैंड्रे, डॉक्टर सविताधुर्वे, डॉ रश्मि जैन डॉक्टर सुनील भांवरे, डॉ प्रियंका वरकडे, डॉ अजय खंडेल, डॉ अरविंद मरावी, काजल बैरागी समेत चयनित बच्चे और परिजन एवं श्री कृष्णा हृदयालय से कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर पुष्कराज गड़खडे, विजय, गंगाराम मौजूद रहे।
हृदय रोग की पहचान
आरबी एसके नोडल अधिकारी डी एच ओ आर के उइके ने बताया कि अब बच्चे भी हृदय रोग से अच्छी नहीं रहे। आमतौर पर बच्चों में होने वाले हृदय रोगों को पहचानना कठिन होता है क्योंकि इसके लक्षण बहुत सामान्य होते हैं। माता-पिता भी बच्चों में हृदय रोगों के लक्षणों की पहचान नहीं कर पाते और समय पर इसकी पहचान नहीं होने के कारण ये रोग गंभीर हो जाते हैं। अनदेखी के कारण ही ये बीमारियां जीवन के लिए भी खतरा बन जाती है। हृदय रोग से पीड़ित बच्चों की पहचान बच्चों में बार बार बुखार आना, सांस लेने में तकलीफ, कमजोरी या थकान, होंठ नीले पड़ जाना, एक पैर में सूजन, दिल की धड़कन की ताल में परिवर्तन, लगातार सूखी खांसी, त्वचा में चकत्ते अंगुलियों के सिरे मोटे हो जाना, हृदय रोग से पीड़ित की पहचान की जा सकती है।
जमा करें दस्तावेज
जिला शीघ्र हस्तक्षेप प्रबंधक अर्जुन सिंह ने पीड़ित बच्चों के परिजनों से कहा है कि शिविर में चयनित बच्चों को निःशुल्क उपचार के लिए जल्द भेजा जाएगा। जिसके लिए दस्तावेज मंगाए गए थे। जिन परिजनों ने दस्तावेज जमा नहीं किए हैं उनसे कहा गया है कि वे जिला चिकित्सालय स्थित डीई आईसी कार्यालय मंडला में जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, मूल निवासी प्रमाण पत्र, परिचय पत्र, दो कलर फोटो जमा करें।