राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि | पौष महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्थी 6 जनवरी को है। इसे विनायक चतुर्थी कहा जाता है। गणेश जी की कृपा पाने के लिए इस दिन व्रत और पूजा करने का विधान है। साथ ही शाम को चंद्रमा के दर्शन कर जल चढ़ाया जाता है। फिर गणेश जी के साथ चंद्रमा की भी पूजा की जाती है। सुहागन महिला के लिए ये दिन खास होता है। पुराणों का कहना है कि इस दिन भगवान गणेश के साथ शिव-पार्वती और चंद्रमा की पूजा करने से परिवार में सुख समृद्धि बढ़ती है और परेशानियां खत्म होती हैं। हर महीने होती है 2 चतुर्थी , चतुर्थी
गणेश पुराण के मुताबिक भगवान गणेश को समर्पित है। हर हिंदी महीने में दो चतुर्थी तिथि होती है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। कृष्ण पक्ष वाली को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं जबकि शुक्ल पक्ष वाली को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। कई जगहों पर विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। इन दोनों तिथियों में भगवान गणेश की पूजा और व्रत किया जाता है
विनायक चतुर्थी पर श्री गणेश की पूजा दिन में दो बार की जाती है। एक बार दोपहर और फिर मध्याह्न में। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी के दिन व्रत करने और इस दिन गणेश की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि, आर्थिक संपन्नता के साथ-साथ ज्ञान एवं बुद्धि प्राप्ति होती है।