राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । प्रदेश के बड़े शहरों में दो घंटे, छोटे शहरों में चार घंटे व गांवों में आठ घंटे से ज्यादा बिजली गुल रही तो सरकारी बिजली कंपनियों को उपभोक्ताओं को मुआवजा देना होगा। बिजली गुल होने, खराब मीटर नहीं टेस्टिंग नहीं करने के मामले में देरी पर मुआवजा बिजली बिल में क्रेडिट करना होगी। इसके साथ ही खराब मीटर नहीं बदलने, ट्रांसफार्मर खराब होने पर उपभोक्ताओं को होने वाली दिक्कत के बदले भी क्षतिपूर्ति राशि देनी होगी।
राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग (आरईआरसी) ने शुक्रवार को नई एसओपी (कार्य दक्षता के मापदंड विनिमय) जारी की है। कई शहरों की बिजली सप्लाई संभाल रही प्राइवेट कंपनियों को भी इस एसओपी की पालना करनी होगी। मुआवजा की राशि तय समय से दो गुना समय लगने पर समान राशि लगेगी।
उसके बाद ऊपर तय राशि से दोगुनी हो जाएगी। आयोग ने 2014 की एसओपी को रिवाइज किया है। खराब मीटर बदलना, मीटर टेस्टिंग, रि कनेक्शन, डिमांड नोटिस जारी करने, कनेक्शन शिफ्टिंग, लोड बढ़ाना सहित अन्य काम के लिए समय तय किया है। ज्यादा समय लगने पर डिस्कॉम को मुआवजा देना होगा।
जयपुर, जोधपुर व अजमेर डिस्कॉम शिकायत व मुआवजा का दावा दर्ज करवाने के लिए हेल्पडेस्क बनाएगा। यह रोजाना सुबह 9 से शाम 6 बजे तक काम करेगा। यहां पर इलेक्ट्राॅनिक, टेलीफोन या लिखित शिकायत दर्ज होगी।
सिस्टम मेंटेनेंस के लिए 7 घंटे तक ही बिजली बंद की जा सकती है। शाम 6 बजे तक बिजली सप्लाई बहाल करनी होगी।
सिस्टम मेंटेनेंस व फाॅल्ट होने पर डिस्कॉम उपभोक्ता को एसएमएस या अन्य माध्यम से बिजली सप्लाई बहाली का अनुमानित समय बताएगा।
बिजली सिस्टम में हाइवोल्टेज के कारण उपभोक्ताओं के बिजली उपकरण फुंक जाते है। एक फीडर पर पांच से ज्यादा उपभोक्ता के बिजली सप्लाई में हैवी फ्लक्चुएशन या शॉर्ट सर्किल होने से नुकसान पर मुआवजा का प्रावधान किया है। इसके लिए भौतिक सत्यापन किया जाएगा। पंखा, ब्लैक एंड व्हाइट टीवी व मिक्सी फुंकने पर एक हजार, रंगी टीवी, सेमी ऑटोमेटिक वॉशिंग मशीन व फ्रीज जलने पर दो हजार व ऑटोमेटिक वॉशिंग मशीन, कंप्यूटर व एसी जलने पर चार हजार का मुआवजा तय किया है।