राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) रेगुलेशन 2014 में संशोधन को मंजूरी दे दी है. यह मंजूरी छोटे और मध्यम REITs के लिए नया रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बनाने के लिए दी गई है.
शनिवार को सेबी की बोर्ड मीटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेबी चीफ माधबी पुरी बुच ने यह जानकारी दी.
क्या कहते हैं नये नियम
नए नियमों के मुताबिक REITs लाने के लिए कंपनी के पास कम से कम 50 करोड़ की पूंजी होनी चाहिए. पहले यह 500 करोड़ थी. दरअस्ल, REITs एक कंपनी या ट्रस्ट है जो इनकम जनरेट करने वाली रियल एस्टेट प्रॉपर्टीज की मालिक होती है और उन्हें मैनेज भी करती है. निवेशक REITs में शेयर खरीद हैं और बदले में उन्हें इन संपत्तियों से मिलने वाली रेंटल इनकम का एक हिस्सा मिल जाता है.
REITs स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट होते हैं और ये बिना फिजिकल प्रॉपर्टी खरीदे रियल एस्टेट में निवेश करने और कमाई करने का मौका देते हैं. निवेशकों के लिए इन्हें खरीदना और बेचना बेहद आसान होता है. REITs के लिए रेंटल इनकम का कम से कम 90% निवेशकों को वितरित करना आवश्यक है.
सोशल स्टॉक एक्सचेंजों के नियमों को बनाया गया आसान
सेबी ने सोशल स्टॉक एक्सचेंजों के लिए भी नियमों को आसान बना दिया है. पहले NGO जैसी गैर लाभकारी संस्था कम से कम 1 करोड़ रेज कर सकती थी जिसे अब घटाकर 50 लाख कर दिया गा है. वहीं लोगों की हिस्सेदारी को बढ़ाने के लिए मिनिमम एप्लीकेशन साइज को 2 लाख से घटाकर 10,000 रुपए कर दिया गया है. सोशल स्टॉक एक्सचेंज यानी SSE मौजूदा स्टॉक एक्सचेंजेज पर ही एक अगल सेगमेंट हैं. सामाजिक कार्यों के लिए इसे शुरू किया गया है.