राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के पांच दोषियों को शनिवार शाम तमिलानाडु की अलग-अलग जेलों से रिहा किया गया। इनमें नलिनी श्रीहरन, उसके पति वी श्रीहरन के अलावा संथन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार शामिल हैं। इनमें श्रीहरन और संथन श्रीलंका के नागरिक हैं।
नलिनी पैरोल पर थी। उसने शनिवार को वेल्लोर में महिला जेल पहुंचकर अपनी रिहाई की कार्रवाई पूरी की। इसके बाद वो वेल्लोर सेंट्रल जेल पहुंची, जहां वो पति श्रीहरन को देखकर भावुक हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सभी दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया था। कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद आज उन्हें जेल से छोड़ दिया गया।
मां की देखभाल के लिए पैरोल पर थी नलिनी
नलिनी को दिसंबर 2021 में अपनी मां पद्मावती की देखभाल के लिए एक महीने की पैरोल दी गई थी, जिसे राज्य सरकार समय-समय पर बढ़ाती रही। रिहाई के बाद नलिनी ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि हमारा परिवार बहुत खुश है, मैं अपनों के साथ नया जीवन शुरू करने जा रही हूं। इससे पहले कोर्ट ने इस साल 18 मई को मामले के दोषी पेरारिवलन को रिहा कर दिया था। पेरारिवलन सहित सभी दोषी मामले में 31 साल उम्रकैद की सजा काट चुका है।
राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई पर कांग्रेस ने कहा है कि ये मंजूर नहीं है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा- सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते वक्त देश की भावनाओं को ध्यान में नहीं रखा। फैसला गलतियों से भरा हुआ है।
CM स्टालिन बोले- फैसले का स्वागत
राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा किए जाने के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है- मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। नियुक्त किए गए राज्यपाल को चुनी हुई सरकार के फैसले को नहीं बदलना चाहिए।
सोनिया ने नलिनी को माफ कर दिया था
जब नलिनी को राजीव गांधी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, तब वह गर्भवती थी। उसकी प्रेग्नेंसी को दो महीने हो गए थे। तब सोनिया गांधी ने नलिनी को माफ कर दिया था। उन्होंने कहा था कि नलिनी की गलती की सजा एक मासूम बच्चे को कैसे मिल सकती है, जो अब तक दुनिया में आया ही नहीं है।
राजीव गांधी की हत्या के मामले में ट्रायल कोर्ट ने साजिश में शामिल 26 दोषियों को मौत की सजा दी गई थी। मई 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने 19 लोगों को बरी कर दिया। बचे हुए सात में से चार आरोपियों (नलिनी, मुरुगन उर्फ श्रीहरन, संथन और पेरारिवलन) को मौत की सजा सुनाई और बाकी (रविचंद्रन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार) को उम्रकैद। चारों की दया याचिका पर तमिलनाडु के राज्यपाल ने नलिनी की सजा को उम्रकैद में बदला। बाकी आरोपियों की दया याचिका 2011 में राष्ट्रपति ने ठुकरा दी।
चुनावी रैली में हुई थी राजीव गांधी की हत्या
राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान लिट्टे की धनु नाम की एक आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी। लिट्टे की महिला आतंकी धनु (तेनमोजि राजरत्नम) ने राजीव को फूलों का हार पहनाने के बाद उनके पैर छुए और झुकते हुए कमर पर बंधे विस्फोटकों में ब्लास्ट कर दिया। धमाका इतना जबर्दस्त था कि कई लोगों के चीथड़े उड़ गए। राजीव और हमलावर धनु समेत 16 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 45 लोग गंभीर रूप से घायल हुए।