मुख्य सचिव द्वारा बताई समस्या-सुझाव पर विशेष ध्यान देते हुए शीघ्र कार्रवाई की जानी चाहिए। राजीव स्वरूप ने पिछले दिनों इस संबंध में परिपत्र जारी किया और बुधवार को मौखिक निर्देश दिए।

जयपुर: राजस्थान में सरकारी अफसरों को सांसदों व विधायकों के सम्मान में अपनी कुर्सी से खड़े होकर अभिवादन करना होगा। इसके लिए प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने निर्देश जारी किये हें। निर्देश में मुख्य सचिव ने कहा कि कोई जब कोई सांसद या विधायक अफसरों मिलने दफ्तर आए तो स्वागत और विदाई के समय उनके सम्मान में खड़ा होना चाहिए।
पिछले कुछ समय में सांसदों व विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व मुख्य सचिव से अफसरों के रवैये को लेकर नाराजगी जताई थी। इनका कहना था कि जनप्रतिनिधि जब भी अफसरों से मिलने जाते हैं तो वे आम लोगों जैसा व्यवहार करते हैं उन्हें सम्मान नहीं देते। सार्वजनिक कार्यक्रमों में सांसदों व विधायकों की अनदेखी की जाती है। मुख्य सचिव का परिपत्र सभी कलेक्टर्स, अतिरिक्त मुख्य सचिव और विभागों के सचिवों को जारी किया गया है।
विकास एवं जनसमस्या संबंधी कार्यों में उनका विशेष योगदान रहता है। ऐसे में उनके प्रति व्यवहार बहुत शालीन एवं विनम्र रहना चाहिए। मुख्य सचिव ने परिपत्र में कहा है कि सरकार की पहली प्राथमिकता राज्य में पारदर्शी, जवाबदेही एवं संवेदनशील शासन उपलब्ध कराने की है। सांसद-विधायक अपने क्षेत्र की जनता के प्रतिनिधि के रूप में नागरिकों की सार्वभौमिक सत्ता का विधायिका में निर्वहन करते हैं।
अकाल राहत कार्यों के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों एवं श्रमिक संख्या के बारे में नियमित रूप से उन्हें जानकारी दी जाए। इस संबंध में यदि उनका पत्र प्राप्त होता है तो उसका तत्काल जवाब दिया जाए और समय-समय पर प्रगति से भी अवगत कराया जाए। कलेक्टर्स से कहा गया है कि जिले में जो भी विकास कार्य हो रहे हैं या नए प्रारंभ किए जाने हैं, उसकी प्रगति के बारे में सांसद-विधायक को समय-समय पर अवगत कराया जाए।