राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। राजस्थान में शनिवार को सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा होनी थी। एग्जाम शुरू होने से पहले ही परीक्षा का पेपर लीक हो गया। उदयपुर में 40 स्टूडेंट्स बस में पेपर सॉल्व करते पकड़े गए। इसे लेकर अजमेर, उदयपुर, अलवर समेत राज्यभर में छात्रों ने हंगामा और प्रदर्शन किया। इसके बाद आनन-फानन में सुबह नौ बजे एग्जाम शुरू होने से ठीक पहले पेपर कैंसिल कर दिया गया।
सिर्फ सुबह की पारी में होने वाला GK का पेपर स्थगित किया गया है। इस पेपर को चार लाख छात्र देने वाले थे। अब ये एग्जाम 29 जनवरी को होगा।
इधर, राज्य सरकार ने शनिवार रात एक्शन लेते हुए पेपर लीक मामले में शिक्षा विभाग के 3 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया। रावताराम, पुखराज और भागीरथ की पेपर लीक में मिलीभगत सामने आई है। सरकार इनके बर्खास्तगी की तैयारी कर रही है।
वहीं राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आज दोपहर 2 से 4.30 बजे तक विज्ञान विषय की परीक्षा 461 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई। इसमें 28 जिलों में 73.57 प्रतिशत अभ्यर्थी उपस्थित रहे। बांसवाड़ा में सबसे ज्यादा 91.37 फीसदी परीक्षार्थी शामिल हुए।
अब जानते हैं पुलिस को कब और कैसे मिला इनपुट
उदयपुर एसपी विकास शर्मा ने बताया कि पेपर लीक होने की जानकारी देर रात मिली। इसके बाद हमने टीम को एक्टिव कर दिया था। बेकरिया थाने के बाहर एक बस को देखा। बाद संदिग्ध लगने पर छानबीन की। बस में बैठे लोगों के पास कुछ पेपर थे, जो ओरिजनल पेपर के सवालों से मिलते-जुलते थे।
पुलिस ने पूछताछ के बाद बताया कि यह पेपर 10 लाख में बेचा गया। हमने जो 40 लोग पकड़े, उनमें 7 लड़कियां हैं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पेपर लीक का मास्टरमाइंड जालोर में सरकारी टीचर सुरेश विश्नाेई है। वह जोधपुर का रहने वाला है। बताया जा रहा है विश्नाेई ने पूरा प्लान बनाया था और बस किराए पर ली थी। विश्नोई के साथ पकड़ा गया उसका एक साथी भजनलाल डॉक्टर है।
सुरेश को जयपुर से सुरेश धाका और भूपी सारण ने पेपर भेजा था। इसके बाद सुरेश विश्नोई ने भजनलाल के जरिये सबको पहुंचाया। धाका ने वॉट्सऐप के जरिए विश्नोई को पेपर भेजा था। सूत्रों के मुताबिक आरपीएसी के किसी एक व्यक्ति ने धाका और भूपी को पेपर उपलब्ध कराया।