राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। अयोध्या में राम मंदिर के भूतल का 80% काम पूरा हो गया है। इसमें 162 खंभे बनाए गए हैं। अब इन खंभों में 4500 से ज्यादा मूर्तियां उकेरी जा रही हैं। इसमें त्रेता युग की झलक दिखाई देगी। इसके लिए केरल-राजस्थान से 40 कारीगर बुलाए गए हैं। कारीगरों का कहना है कि वो हर मूर्ति के सहारे एक खास मैसेज देंगे।
आर्किटेक्ट इंजीनियर अंकुर जैन ने कहा, “हर खंभे को 3 पार्ट में बांटा गया है। हर एक पिलर में 20 से 24 मूर्तियां उकेरी जा रही हैं। ऊपरी हिस्से में 8 से 12 मूर्तियां बनाई जा रही हैं। बीच के हिस्से में 4 से 8 मूर्ति और नीचे के हिस्से में 4 से 6 मूर्तियां उकेरी जा रही हैं। एक कारीगर को एक पिलर पर मूर्ति बनाने में करीब 200 दिन लगते हैं।”
अंकुर जैन ने बताया, “हर खंभे के ऊपरी हिस्से में कुछ नृत्यांगनाओं की मूर्तियां बनाई जा रही हैं। बीच में भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों की मूर्तियां उकेरी जाएंगीं। नीचे के हिस्से में हनुमान के विभिन्न रूपों को उकेरा जाएगा। इसके साथ ही त्रेता युग के रामायण से जुड़े अंगद, सुग्रीव, जामवंत, निषाद राज समेत अनेक मूर्तियों को खंभों पर उकेरा जा रहा है। इसके अलावा अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों को भी उकेरा जा रहा है।
आर्किटेक्ट इंजीनियर चंद्रशेखर सोनपुरा ने बताया, “खंभों पर 40 कारीगर दिन-रात मूर्तियां बना रहे हैं। कारीगरों की संख्या 150 के पार करने की तैयारी है ताकि मकर संक्रांति 2024 से पहले इसका कार्य पूरा किया जा सके।”
ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र ने बताया कि राम मंदिर के भूतल में फ्लोरिंग का काम अगस्त से शुरू हो जाएगा। गर्भगृह मंदिर में सफेद मार्बल का उपयोग होगा। फर्श पर कालीन जैसी डिजाइन बनाई जाएगी। मंदिर के फर्श पर मकराना के मार्बल लगेंगे।
अनिल मिश्र ने बताया कि मंदिर में कोली मंडप, गूढ़ मंडप, नृत्य मंडप, रंग मंडप, कीर्तन मंडप और गर्भगृह की परिक्रमा पथ को बनाया गया है। अष्ट कोणीय बने गर्भगृह में सफेद मकराना मार्बल लगाया गया है। जहां पर रामलला विराजमान होंगे। यहां आने वाले श्रद्धालु 30 फीट की दूरी से दर्शन प्राप्त करेंगे।