राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि/ ताइवान में नए राष्ट्रपति के शपथ लेने के 4 दिन बाद चीन ने ताइवान को जंग की धमकी दी है। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने कहा है कि जब तक ताइवान चीन का हिस्सा नहीं बन जाता, इलाके में मिलिट्री एक्शन जारी रहेगा।
दरअसल, चीन ने शुक्रवार को ही ताइवान के घेरकर चल रही अपनी 2 दिवसीय मिलिट्री ड्रिल पूरी की। इस युद्धाभ्यास में चीन की तीनों सेनाएं (थलसेना, वायुसेना, नौसेना) शामिल हुई थी। इस युद्धाभ्यास को ताइवान के लिए सजा के तौर पर शुरू किया गया था।
ताइवान में इसी साल राष्ट्रपति पद के चुनाव हुए। इसमें चीन विरोधी नेता विलियम लाई चिंग ते को जीत हासिल हुई। चुनाव से पहले चीन ने ताइवान को चेतावनी दी थी कि अगर वहां की जनता ने सही विकल्प नहीं चुना तो उन्हें इसकी सजा दी जाएगी। 20 मई को लाई चिंग ते के शपथ ग्रहण समारोह के 2 दिन बाद चीन ने अपनी मिलिट्री ड्रिल शुरू की थी।
इस दौरान चीन की सेना ने कसम खाई थी कि वह ताइवान में आजादी की मांग करने वालों का खून बहा देंगे। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि लाई चिंग ते वन-चाइना पॉलिसी के लिए बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं। वे ताइवान के लोगों को जंग और तबाही की तरफ धकेल रहे हैं।
23-24 मई को हुई चीन की मिलिट्री ड्रिल को ‘जॉइंट स्वॉर्ड-2024A’ नाम दिया गया था। इसके तहत चीन के करीब 111 एयरक्राफ्ट और नौसेना के दर्जनों जहाजों ने ताइवान पर कब्जे की प्रैक्टिस की थी। इस दौरान उन्होंने ताइवान के उन हिस्सों पर हमले की भी तैयारी की थी, जहां से ताइवान चीन को रोकने की कोशिश कर सकता है।
इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने भी कहा था कि ताइवान में जो लोग आजादी चाहते हैं, उनके सिर कट जाएंगे। अगर वे चीन के इरादे से टकराएंगे, तो द्वीप में सिर्फ खून-खराबा होगा। चीन के युद्धाभ्यास का मकसद एक साथ पूरे ताइवान पर कब्जे की तैयारी करना था।