रेत कारोबारी के विकलांग बेटे का मिला कंकालः अपरहणकर्ताओं ने 15 लाख की मांगी थी फिरौती

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राष्ट्र आजकल/रिज़वान मंसूरी/सिहोरा जबलपुर/शंकरगढ़ गांव निवासी एक बुजुर्ग बकरियों को चराने मंगलवार को धरमपुरा जंगल की ओर गया था। वहां खदान के खोह वाली झाड़ियों पर उसकी नजर गई तो सन्न रह गया। वहां एक कंकाल पड़ा था। दहशत में वह बकरियों को लेकर घर लौट आया। उसने गांव के लोगों से इसकी चर्चा की। रात तक इसकी चर्चा गोसलपुर पुलिस तक पहुंची। रात 11.30 बजे पुलिस बुजुर्ग को लेकर मौके पर पहुंची। कंकाल देख पुलिस ने शंकरगढ़ कॉलोनी निवासी मलखान सिंह को बुलाया। भाई इंद्रपाल सिंह के साथ मौके पर पहुंचे मलखान सिंह ने कपड़ों व जूतों के आधार पर कंकाल की पहचान दो मार्च को अगवा हुए बेटे राहुल सिंह के रूप में की।

जानवर नोच खाएं थे मांस, पीएम के लिए भेजा गया शव

शव पूरी तरह से कंकाल में तब्दील हो गया है। आशंका जताई जा रही है कि जंगली जानवर शरीर का मांस नोच खाए होंगे। कंकाल को पीएम के लिए जबलपुर मेडिकल काॅलेज भिजवाया गया है। जहां आज शव का पीएम होगा। अगवा हुए युवक का कंकाल मिलने की खबर मिलते ही मौके पर स्थानीय गोसलपुर पुलिस के साथ ही वरिष्ठ अधिकारी पहंुचे थे।

किसने अगवा कर किया मर्डर, क्या थी रंजिश?
युवक की तलाश में सात दिन पुलिस की भारी भरकम टीम गोसलपुर में ही डेरा जमाए हुई थी। खुद एएसपी ग्रामीण शिवेश सिंह बघेल वहां कैम्प लगाए हुए थे। पर युवक की सकुशल वापसी नहीं करा पाए। उसका कंकाल मिलने की खबर आधी रात को घर में पहुंची तो कोहराम मच गया। मां नीता बाई सदमें में बेहोश हो गई। दादा ओमकार सिंह भी पोते की मौत की खबर सुनकर बदहवास से हो गए। राहुल की इसी अप्रैल में शादी होने वाली थी। राहुल के दोस्तों के मुताबिक वह काफी सीधा था। पर इसके बावजूद उसे किसने अगवा किया और किस रंजिश में हत्या की, अभी ये गुत्थी सुलझानी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है।

बेटे की मौत पर मां-बाप हुए बेसुध, क्षेत्रीय लोग आक्रोशित
2 मार्च को अगवा हुए बेटे को लेकर सिंह परिवार टेंशन में था लेकिन मंगलवार की रात जब उसका कंकाल मिलने की खबर परिवार तक पहंुची सब पर दुखों का पहाड़ टूट गया। मृतक राहुल की मां नीता राजपूत और पिता मलखान सिंह बेटे की मौत खबर लगने के बाद बेसुध हो गए हैं। मां अपने कलेजे टुकड़े को लेकर फूट-फूट कर रो रही है तो पिता के दिल में दर्द और आंखों में आंसू छलक रहे हैं। क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश है। राहुल की मौत का कारण पुलिस की निष्क्रियता बताया जा रहा है।

लकवा के बाद भी राहुल पूरा काम करता था
मृतक राहुल सिंह 10वीं तक पढ़ा था कुछ साल पहले उसको शरीर के बांये हिस्से में लकवा लग गया था। इतनी बड़ी बीमारी होने के बाद भी राहुल खुद को दूसरों से कम नहीं समझता था। अपने पिता और घर के कामों में राहुल पूरा सहयोग करता था। अपने मित्र और स्नेहजनों के पास बैठकर लंबी बात करना राहुल को बहुत पसंद था। राहुल की क्षेत्र में लोगों से खूब पटती थी। राहुल ने परिवार को कभी ये एहसास नहीं होने दिया कि वह गंभीर बीमारी से पीड़ित है।

थाने से 3 किलोमीटर दूर मिला कंकाल।
क्षेत्रीय जनता में राहुल का कंकाल मिलने के बाद भारी आक्रोश है। इसके पीछे का कारण पुलिस की लचर व्यवस्था को बताया जा रहा है। क्षेत्रीय लोगों की माने तो जहां राहुल का कंकाल मिला है उससे थाना 3 किलोमीटर दूर है। हैरानी की बात है कि पुलिस गोसलपुर से लेकर पूरे शहर में राहुल को तालाश कर रही थी पर उसका शव थाने से चंद कदमों खिन्नीनाला पर पड़ा था।

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