राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि | अध्ययनों में सभी लोगों को रोजाना रात में 6-8 घंटे की निर्बाध नींद लेने की सलाह दी जाती है। नींद के दौरान शरीर में कई महत्वपूर्ण हार्मोंन्स का उत्पादन होता है, जिसे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बेहद आवश्यक माना जाता है। साल 2020 में अध्ययनों के विश्लेषण में वैज्ञानिकों ने पाया कि रात में सात घंटे से कम की नींद लेने वाले वयस्कों में मोटापे का जोखिम 41 फीसदी अधिक होता है। नींद की कमी वजन बढ़ने और हाई बॉडी मास इंडेक्स के साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है। एक अन्य अध्ययन में विशेषज्ञों ने पाया कि नींद की कमी के कारण शरीर में घ्रेलिन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। यह हार्मोन हमें भूख का एहसास कराती है जबकि लेप्टिन हमें पेट भरा हुआ महसूस कराता है। ऐसे में हमें खाने की इच्छी अधिक होती है जो वजन बढ़ने का कारण हो सकती है। सभी लोगों को रात में 8 घंटे की नींद जरूर पूरी करनी चाहिए। वजन को कंट्रोल करने के साथ आइए जानते हैं इसके और क्या-क्या फायदे हो सकते हैं? नींद की कमी शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। मस्तिष्क के कार्यों को बेहतर रखने के लिए पर्याप्त नींद महत्वपूर्ण है। अध्ययनों से पता चलता है कि नींद की कमी आपकी एकाग्रता, उत्पादकता और कार्य प्रदर्शन क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि अच्छी नींद लेने वालों में समस्याओं को सुलझाने और याददाश्त की क्षमता अधिक होती है। मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद बहुत जरूरी मानी जाती है। अच्छी नींद आपको हृदय रोगों से बचा सकती है। नींद की कमी जिन स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाने का कारण बन सकती है, हृदय रोग उनमें से एक है। नींद की गुणवत्ता और अवधि में कमी आपमें हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकती है। 19 अध्ययनों के विश्लेषण में पाया गया कि प्रतिदिन 7 घंटे से कम सोने वाले लोगों में हृदय रोगों के कारण मृत्यु का जोखिम 13 फीसदी अधिक होता है। इसके अलावा नींद की कमी के कारण उच्च रक्तचाप का खतरा भी बढ़ जाता है, जिसे हृदय रोगों का प्रमुख कारक माना जाता है। इन समस्याओं से बचे रहने के लिए रोजाना पर्याप्त नींद लेना आवश्यक माना जाता है।