राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। इन दो महिलाओं के रूप में दो पीढ़ियों का कल्चर साथ चल रहा होता है और अक्सर पीढ़ी का यह अंतर ही मुश्किल की वजह भी बनता है। जबकि यदि सास-बहु के बीच का बॉन्ड मजबूत हो तो विपरीत परिस्थितियों में भी परिवार टूटता नहीं। उन्हें लगता है कि बहु आएगी और उनके इतने सालों से बसे साम्राज्य पर कब्जा कर लेगी। वहीं बहु को यह पूर्वाग्रह रहता है कि ससुराल में अपना अधिकार और जगह दोनों छीनने पर ही मिलेगी और सास इस मामले में हमेशा उसकी दुश्मन बनकर ही सामने आएँगी। यह पूर्वाग्रह ही कड़वाहट और दरारों की शुरुआत करता है। यह बात हमेशा याद रखें कि सास और बहु दोनों एक ही परिवार का हिस्सा हैं और परिवार में अधिकार और स्थान सहजता से बांटे जाते हैं, छीने नहीं जाते। सास कोशिश करे कि बहु को उसके दायित्व धीरे धीरे सौंप दे। हां मार्गदर्शन के लिए हमेशा मौजूद रहें और बहु को चाहिए कि सास के पूर्व के दायित्व और जिम्मेदारियां एकदम से अपने हाथ में लेने की जल्दी न करे। बहुत सरलता और विनम्रता से उन्हें मान देते हुए जिम्मेदारियां शेयर करें | खाने में क्या पकेगा से लेकर घूमने के लिए कहाँ जाएंगे और घर का इंटीरियर कैसा होगा से लेकर मकान के लिए कहाँ इन्वेस्ट करना ठीक होगा तक जैसे तमाम मुद्दों में घर के हर सदस्य की राय महत्वपूर्ण होती है। कई बार कोई व्यक्ति किसी चीज को भूल भी रहा हो तो दूसरा उसे याद दिला सकता है। घर में आई नई सदस्य यानी बहु की राय को भी इसमें शामिल जरूर करें। इससे उसे यह महसूस होगा कि आपने उसके विचारों को महत्व दिया।