राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि I हिंद महासागर में चीन की बढ़ती घुसपैठ के बीच नया स्टील्थ गाइडेड मिसाइल से लैस INS इंफाल वॉरशिप भारतीय नौसेना में शामिल हो गया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने INS इंफाल को मुंबई डॉकयार्ड में कमीशंड किया। यह वॉरशिप नौसेना की पश्चिमी कमान में शामिल होगा।
यह डिस्ट्रॉयर वॉरशिप सतह से सतह पर मार करने वाली 8 बराक और 16 ब्रह्मोस एंटीशिप मिसाइल, सर्विलांस रडार, 76 MM रैपिड माउंट गन, एंटी सबमरीन टॉरपीडो से लैस है। रक्षा मंत्रालय के मुंबई स्थित शिपयार्ड मझगांव डॉकशिप बिल्डर्स लिमिटेड (MDL) ने इंफाल को बनाया है।
इस वॉरशिप को बंदरगाह और समुद्र में टेस्टिंग के बाद 20 अक्टूबर 2023 को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया था। इंफाल पहला वॉरशिप है, जिसका नाम नॉर्थ ईस्ट के एक शहर पर रखा गया है। इसके लिए राष्ट्रपति ने 16 अप्रैल 2019 को मंजूरी दी थी।
जहजों पर हमलों को लेकर सरकार गंभीर
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सरकार ने एमवी केम प्लूटो पर ड्रोन हमले और लाल सागर में एमवी साईबाबा पर हमले को गंभीरता से लिया है। मर्चेंट नेवी जहाजों पर हालिया हमलों के बाद भारत ने समुद्र में गश्त बढ़ा दी है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार ने कहा कि हमारे पास समुद्री लुटेरों (पाइरेट्स) और ड्रोन हमलों का मुकाबला करने के लिए 15 अल्फा और ब्रावो कैटेगरी के चार विध्वंसक तैनात हैं।
इसके निर्माण में स्वदेशी स्टील DMR 249A का इस्तेमाल किया गया है, यानी इसका 75% हिस्सा पूरी तरह स्वदेशी है। INS इंफाल विशाखापत्तनम कैटेगरी के 4 डिस्ट्रॉयर्स में से तीसरा है, जिसे भारतीय नौसेना के इन-हाउस ऑर्गनाइजेशन वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है।
PIB के मुताबिक, INS इंफाल को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में मणिपुर के बलिदान और योगदान के लिए श्रद्धांजलि कहा गया है। चाहे वह 1891 का एंग्लो-मणिपुर युद्ध हो या फिर 14 अप्रैल 1944 को मोइरांग वॉर, जिसमें पहली बार नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने INA का झंडा फहराया था।