राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में नया आयकर बिल पेश किया है। यह लोकसभा में पास हो गया। आइए जानते हैं कि इस बिल में क्या खास है?
मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट कब पारित हुआ था?
1961 में पारित यह अधिनियम 1 अप्रैल, 1962 से प्रभावी था। इसमें वित्त अधिनियम के तहत 65 बार में 4,000 से ज्यादा संशोधन हुए।
नए बिल का मसौदा बनाने में कितनी मशक्कत हुई?
इनकम टैक्स बिल को आसान, समझने लायक बनाने और गैर-जरूरी प्रावधान हटाने के लिए 20,976 ऑनलाइन सुझाव मिले। इनका विश्लेषण किया गया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मशविरा किया गया। अतीत में ऐसे संशोधन कर चुके ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के आयकर विभागों से भी सलाह ली गई। 2009 और 2019 में इस संदर्भ में तैयार किए गए दस्तावेजों का अध्ययन भी किया गया।
विभाग के करीब 150 अफसरों की कमेटी ने इस पूरी मशक्कत को अंजाम दिया। नए बिल को अंतिम रूप देने में 60 हजार से ज्यादा घंटे लगे।
सैलरीड क्लास के लिए नए बिल में क्या आसान होगा?
वेतन संबंधी सभी प्रावधान आसानी से समझने के लिए एक ही जगह पर लाए गए हैं, ताकि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय अलग-अलग अध्याय का संदर्भ न लेना पड़े। सेक्शन-10 के तहत पहले दी जानी वाली कटौती, मसलन ग्रेच्युटी, लीव इनकैशमेंट, पेंशन कम्प्यूटेशन आदि को अब सैलरी चैप्टर में ही लाया गया है।