राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि | सरकार ने तय किया है कि घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जाएगी। पति, सास-ससुर, देवर-ननद अगर किसी महिला को प्रताड़ित करते हैं और हिंसा में 40% की क्षति होती है तो दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इससे अधिक क्षति होने पर 4 लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके साथ ही अदालत में प्रकरण के दौरान आने-जाने पर होने वाला खर्च और इलाज का खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मध्य प्रदेश कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि घरेलू हिंसा के मामले में महिला को आवेदन कलेक्टर को देना होगा। इस मामले में सीएमएचओ, महिला बाल विकास अधिकारी और पुलिस मिलकर काम करेगी और महिला को हक दिलाने के लिए प्रयास करेगी। अब तक की योजना में दोष साबित होने पर ही महिला को आर्थिक सहायता दी जाती है। नए नियमों के तहत इसकी अनिवार्यता खत्म हो गई है। विमुक्त घुमक्कड़ और अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग का नाम बदलकर घुमंतू और अर्द्ध घुमंतू जनजाति कल्याण विभाग किया गया है। सामान्य वर्ग कल्याण आयोग का कार्यकाल दो साल बढ़ाने का फैसला किया गया है। सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को भर्ती परीक्षाओं में 5 अंक अतिरिक्त दिए जाएंगे। इसका लाभ 55 वर्ष आयु तक मिलेगा। नगरीय क्षेत्रों में सरकारी जमीन पर बने दुकानों, मकानों के पट्टे दिए जाएंगे। इसके लिए लीज की राशि तय की गई है। रहवासी लोन भी ले सकेंगे। स्वास्थ्य विभाग के 25% विशेषज्ञ पदों की सीधी भर्ती को मंजूरी दी गई थी। शेष 75% पदों की पूर्ति के लिए कार्यवाही पर भी निर्णय लिया गया है।