राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के कोरोना के नए स्ट्रेन को सिंगापुर वेरिएंट कहने पर सिंगापुर की सरकार ने कड़ा एतराज जताया है। हालाँकि भारत सरकार के जवाब से संतुष्ट होने के बावजूद सिंगापुर सरकार ने अरविन्द केजरीवाल के लिए एंटी मिसइन्फॉर्मेशन यानि प्रोटेक्शन फ्रॉम ऑनलाइन फाल्सहुड एंड मैन्युपुलेशन एक्ट लागू कर दिया है। यह कानून सिंगापुर में गलत जानकारी को रोकने के लिए बनाया गया है।विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिबन्ध के निर्देश के बाद भी राजनेता कोरोना के वेरिएंट के साथ किसी देश, किसी राज्य का नाम जोड़ रहे हैं, कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम से मोदी वेरिएंट तक कह दिया, राहुल गांधी ने कोविड को मोविड तक कह दिया लेकिन भारत में सत्ता और विपक्ष के बीच ये सब चलता है लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने जैसे ही कोरोना के वेरिएंट को सिंगापुर वेरिएंट कहा, सिंगापुर सरकार भड़क गई। उसने अरविन्द केजरीवाल के बयान पर आपत्ति जताई।सिंगापुर ने भारत के उच्चायुक्त को तलब कियाअरविन्द केजरीवाल के कोरोना के नए स्ट्रेन को सिंगापुर से जोड़ने के बाद राजनैतिक तूफ़ान आ गया। दक्षिण एशियाई देशों के कूटनीतिक संबंधों के खराब होने की आशंका जाहिर की जाने लगी। सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त को तलब किया गया और इस पर कड़ी आपत्ति जताई गई।भारत सरकार ने दिया स्पष्टीकरणअरविन्द केजरीवाल के बयान के बाद मचे बवाल पर भारत सरकार ने जवाब दिया। विदेश मंत्री एस जयशंकर अरविन्द केजरीवाल के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि ये भारत का पक्ष नहीं है। विदेश मंत्री के बयान के बाद सिंगापुर के उच्चायुक्त सिमोन वोंग ने सतुष्टि जताते हुए कहा कि – हम भारत सरकार के स्पष्ट जवाब की तारीफ करते हैं, संतुष्ट हैं।” लेकिन इससे पहले सिमोन व्योंग ने एंटी मिसइन्फॉर्मेशन कानून लागू करने के संकेत दे दिए।सिंगापुर ने लागू किया POFMA अरविन्द केजरीवाल के बयान के बाद सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने POFMA कार्यालय को फेसबुक, ट्विटर और स्थानीय सोशल मीडिया को सामान्य सम्बन्धी निर्देश जारी किये हैं। इस कानून के लागू हो जाने के बाद से फेसबुक ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सिंगापुर में सभी एन्ड यूजर्स को करेक्शन नोटिस भेजने होंगे। इसका मतलब स्पष्ट है कि सिंगापुर में अरविन्द केजरीवाल से सम्बंधित कोई भी सूचना नहीं दिखाई जाएगी।