राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि/सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान अब तक 1150 हज यात्रियों की मौत हो गई है। इनमें सबसे ज्यादा मिस्र के 658 हैं। इसके बाद इंडोनेशिया के 199 और भारत के 98 हैं। वहीं जॉर्डन से 75, ट्यूनीशिया से 49 पाकिस्तान से 35 और ईरान से 11 हज यात्रियों की मौत की खबर है।
सऊदी अरब ने अभी तक अपने नागरिकों की कुल मौत का आंकड़ा जारी नहीं किया है, इसलिए आशंका है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ेगी। मिस्र के मारे गए 658 हज यात्रियों में से 630 बिना वीजा के हज के लिए गए थे। इस भयावह समस्या से निपटने के लिए मिस्र ने क्राइसिस सेंटर का गठन किया है।
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, हज यात्रा के दौरान मारे गए यात्रियों के शव सड़कों पर पड़े हुए थे। इन्हीं के बीच से बाकी यात्री हज करने जा रहे थे। इस साल बड़ी संख्या में हज यात्रियों के मरने के पीछे की बड़ी वजह भीषण गर्मी का होना है।
मक्का में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से 50 डिग्री तक पहुंचने के कारण कई हज यात्रियों की लू के चलते मौत हो गई। सऊदी सरकार के मुताबिक, अब तक 2,700 से ज्यादा हज यात्री हीट स्ट्रोक की चपेट में आ चुके हैं।
हज पर जाने के लिए हज यात्री टूर ऑपरेटर का भी सहारा लेते हैं। इसके लिए ऑपरेटर पैकेज लेकर उचित सुविधा जैसे रहने, खाने और ट्रांसपोर्ट जैसी तमाम जरूरी चीजें मुहैया कराने का वादा करते हैं।
हालांकि मिस्र के सांसद महमूद कासिम ने टूर ऑपरेटरों पर हज यात्रियों के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कई हज यात्रियों को टूर ऑपरेटरों ने उचित सुविधाएं नहीं दी, जिससे उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और इससे उनकी मौत हो गई।