राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अगले शैक्षणिक सत्र यानी 2024-25 से स्कूलों में क्रेडिट सिस्टम लागू करने की योजना बनाई है। इसके तहत कक्षा 6 से 12 वीं तक हर कक्षा में पढ़ाई पूरी करने/सीखने में कम से कम 1200 घंटे पूरे करने पर छात्रों को 40 क्रेडिट अंक मिलेंगे।
यह क्रेडिट सभी विषयों में परीक्षा पास करने पर मिलेंगे और यह मार्कशीट में अंक/ग्रेड के सामने दर्ज होगा। साथ ही छात्र के एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (डिजी लॉकर) में भी जमा होते रहेंगे। अभी तक ऐसा क्रेडिट सिस्टम उच्च शिक्षा में लागू है जिसके जरिए छात्रों को संस्थान या कोर्स बदलने की सहूलियत होती है।
सीबीएसई के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, क्रेडिट सिस्टम से वोकेशनल व सामान्य पढ़ाई के बीच एकेडमिक इक्वलिब्रियम (अकादमिक समतुल्यता) का पता लगता है। अगर कोई छात्र वोकेशनल से सामान्य पढ़ाई की ओर या इसके उलट जाना चाहे तो अदला-बदली आसानी से हो सकेगी। यानी क्रेडिट ट्रांसफर के जरिए किसी भी शिक्षा पद्धति में दाखिला पाना आसान होगा।
यह विकसित देशों की शिक्षा व्यवस्था में प्रचलित है। इससे यह पता चलता है कि पढ़ाई या सीखने के दौरान छात्र के पास कितना वर्कलोड था, भले ही उसने कोई भी अकादमिक विषय पढ़ा हो, कोई कुशलता हासिल की हो या गैर-अकादमिक गतिविधियों में शामिल हुआ हो।