सिंधिया की नाराजगी के कारण ही उनके समर्थक मंत्रियों समेत 27 विधायकों ने कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी के साथ हो गए. इसके चलते बीते मार्च महीने में शिवराज सिंह के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार प्रदेश में फिर से बन गई.
भोपाल (राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि): एमपी की कमलनाथ सरकार की सत्ता खिसकाने में सबसे अहम भूमिका ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की रही. मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों (Assembly Election) में 15 साल बाद 2018 में सत्ता में आई कांग्रेस (Congress) अपने ही नेताओं के बगावती तेवर के कारण 2 साल के भीतर ही विपक्ष में बैठ गई.
कांग्रेस की सरकार ने जनता और हमारे अन्नदाताओं के साथ धोखे की कीमत चुकाई है.’ सिंधिया ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर कई आरोप लगाए हैं. खासकर उन्होंने पूर्व सीएम कमलनाथ को घेरने की कोशिश की है. कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले ज्योतिरादित्या सिंधिया ने कांग्रेस पर निशाना साधा है.
गुरुवार को एक वीडियो शेयर करते हुए सिंधिया ने ट्विटर पर लिखा- ‘मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने आमजन के साथ-साथ हमारे अन्नदाताओं के साथ भी छल और धोखा किया था.
बता दें कि मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद उपचुनाव होने हैं. उपचुनाव से पहले आरोप-प्रत्यारोपों का दौर चल रहा है. इसके तहत ही सिंधिया ने प्रदेश की कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा है.
जनता के साथ कांग्रेस सरकार ने धोखा किया, जिसके कीमत उन्होंने चुकाई है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर पर वीडियो भी शेयर किया है. वीडियो में सिंधिया कह रहे हैं कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले जितने भी वादे किसानों व आम जनता से किए थे, उनको पूरा नहीं किया.