राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि I मार्केट रेगुलेटर SEBI ने आज (28 नवंबर) तकनीकी दिक्कत आने पर ट्रेडिंग जारी रखने को लेकर नए नियम जारी किए हैं। ये नए निमय 1 अप्रैल से लागू होंगे। सेबी ने एक सर्कुलर जारी कर सेबी ने दोनों एक्सचेंजों NSE और BSE को एक दूसरे के लिए अल्टरनेटिव ट्रेडिंग वेन्यू के रूप में काम करने का आदेश दिया है। सेबी का कहना है कि तकनीकी दिक्कत आने पर ट्रेडिंग को शिफ्ट किया जाएगा।
नए निमय के मुताबिक स्टॉक एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में तकनीकी दिक्कत आने पर सिर्फ BSE में लिस्टेड शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में ट्रेड हो सकेंगे। वहीं, NSE में तकनीकी दिक्कत आने पर सिर्फ NSE में लिस्टेड शेयर BSE पर ट्रेड हों सकेंगे। स्टॉक एक्सचेंजों को अगले 60 दिन के अंदर इसके लिए एक स्टैंडर्ड ऑपेरिटंग प्रोसेड्यूर (SOP) जारी करने को कहा गया है।
F&O सौदों को भी ऑफसेट किया जा सकेगा अभी NSE, सिर्फ BSE लिस्टेड शेयरों की रिजर्व लिस्ट बनाएगी। फिर BSE, सिर्फ NSE पर लिस्टेड शेयर की रिजर्व लिस्ट बनाएगी। शेयर और इंडेक्स के F&O सौदों को भी ऑफसेट किया जा सकेगा।
हाई को-रिलेटेड इंडेक्स की भी पोजीशन ऑफ सेट की जा सकेगी। एक्सचेंज में खामी के 75 मिनट में दूसरे एक्सचेंज को सूचना दी जाएगी। SOP के हिसाब से अल्टरनेटिव एक्सचेंज दूसरे के शेयर ट्रेडिंग शुरू करेगा।
28 सितंबर को डिजास्टर रिकवरी साइट को टेस्ट किया था इससे पहले डिजास्टर रिकवरी साइट को टेस्ट करने के लिए शनिवार, 28 सितंबर को छुट्टी के दिन नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में एक स्पेशल मॉक ट्रेडिंग सेशन रखा गया था। इस दिन कैपिटल मार्केट के साथ फ्यूचर्स एंड ऑप्शन (F&O) सेगमेंट में भी दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक ट्रेडिंग हुई थी। डिजास्टर रिकवरी साइट को इसलिए टेस्ट किया जाता है कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में भी स्टॉक एक्सचेंज का कारोबार सुचारू रूप से चल सके।