राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि इंदौर। मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा दूध की खपत इंदौर में मानी जाती है। जबकि शहर में आ रहे दूध की गुणवत्ता पर चौकसी का सिस्टम 30 साल से ठप है। हाई कोर्ट इस संबंध में आदेश जारी कर चुका है। दूध विक्रेताओं ने खुद जांच की मांग उठाई। बावजूद प्रशासन एंट्री पाइंट पर निगरानी का सिस्टम लागू नहीं कर रहा है। त्योहारों के दौरान खपत और बढ़ेगी, ऐसे में मिलावट का खतरा भी बढ़ जाएगा। बीते साल ग्वालियर हाई कोर्ट ने दूध में मिलावट रोकने पर प्रशासन के रवैये को लापरवाह करार दिया था। कोर्ट ने छह बिंदुओं के निर्देश दिए थे। इसमें सभी कलेक्टरों को आदेशित किया था कि एंट्री और एक्जिट पाइंट पर जांच नाके बनाए जाएं। साथ ही मोबाइल टेस्टिंग लैब, सैंपलिंग और कार्रवाई के निर्देश भी दिए थे। इसी आदेश का हवाला देते हुए इंदौर दूध विक्रेता संघ ने कलेक्टर को लिखित पत्र सौंपा है। दूध विक्रेता संघ ने मांग की है कि शहर की सीमाओं पर दूध की जांच शुरू की जाए। इसके साथ हाई कोर्ट के आदेश की प्रति भी है।