राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि | रोजाना 6-8 घंटे की नींद लेने की सलाह देते हैं। पर्याप्त नींद न मिल पाने के कारण शारीरिक और मानसिक रूप से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के विकसित होने का खतरा हो सकता है। तनाव-अवसाद से लेकर हृदय रोगों के बढ़ते जोखिमों के लिए भी अनिद्रा की समस्या को एक कारक के तौर पर देखा जा रहा है। अध्ययनकर्ताओं ने पाया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों की तुलना में शहरी लोगों में अनिद्रा की दिक्कत अधिक देखी जा रही है, यही कारण है कि शहरी क्षेत्रों में कई बीमारियां भी काफी हावी रही हैं। शोधकर्ताओं की एक टीम का दावा है कि शहरी लोगों में बढ़ती नींद की समस्या के लिए यहां लोगों का धूप से कम संपर्क हो पाना एक कारण हो सकता है। अध्ययनों में विटामिन-डी की कमी को इस तरह की दिक्कतों के लिए जिम्मेदार पाया गया है। सूर्य से कम संपर्क होने के कारण शरीर में प्राकृतिक तौर पर इस विटामिन का निर्माण नहीं हो पाता है जिसके कारण लोगों को नींद से संबंधित दिक्कतें हो सकती हैं। कुछ डॉक्टर्स का मानना है कि विटामिन-डी का सेवन बढ़ा दिया जाए तो इस नींद विकार को ठीक करने में मदद मिल सकती है। हालांकि सभी लोगों में नींद की कमी का कारण विटामिन-डी ही नहीं होता है, इसलिए डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन बढ़ाना चाहिए। आइए जानते हैं नींद विकारों को लेकर किए गए अध्ययनों में पाया गया है कि मस्तिष्क के कुछ हिस्सों जहां से नींद नियंत्रित होती है, वहां पर विटामिन डी रिसेप्टर्स मौजूद होते हैं। ऐसे में जिन लोगों में विटामिन-डी की कमी की दिक्कत होती है, उन्हें नींद की समस्या हो सकती है। नींद की समस्या को ठीक करने में आराम मिल सकता है। धूप के अलावा फैटी फिश जैसे सैल्मन, टूना, साबुत अनाज अनाज, मूंगफली और डेयरी उत्पादों में विटामिन डी की अच्छी मात्रा पाई जाती है।