राष्ट्र आजकल प्रतिनिधि । दिनेश गुणवर्धने श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। 73 साल के गुणवर्धने को अप्रैल में, पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यकाल के दौरान गृह मंत्री बनाया गया था। वह विदेश मंत्री और शिक्षा मंत्री के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
विक्रमसिंघे के राष्ट्रपति बनने के बाद प्रधानमंत्री पद खाली हो गया था। छह बार प्रधानमंत्री रह चुके विक्रमसिंघे ने बृहस्पतिवार को देश के 8वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण की थी। गुणवर्धने रानिल विक्रमसिंघे के सहपाठी रहे हैं। अब दोनों पर श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबारने का भार है।
दिनेश गुणवर्धने का जन्म 1949 में हुआ। हायर एजुकेशन के लिए वे नीदरलैंड चले गए थे।
गुणवर्धने 1983 में कोलंबो के उपनगर महारागामा से जीत हासिल कर संसद में पहुंचे थे।
1994 तक एक प्रमुख विपक्षी नेता की भूमिका निभाई।
श्रीलंका में नए राष्ट्रपति के खिलाफ प्रदर्शन तेज
इधर, रानिल विक्रमसिंघे के राष्ट्रपति बनने के बाद भी श्रीलंका में शांति में बहाली नहीं हुई है। उन्हें गोटबाया का मोहरा बताते हुए प्रदर्शनकारियों ने आंदोलन और तेज कर दिया है। गुरुवार देर रात कोलंबो में श्रीलंका के राष्ट्रपति सचिवालय के परिसर के बाहर, गाले फेस में फोर्स और सैकड़ों प्रदर्शनकारी आमने-सामने हो गए।
राष्ट्रपति सचिवालय के परिसर के बाहर प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए सशस्त्र सैनिकों को तैनात किया गया था। प्रदर्शन को कंट्रोल करने के लिए सैनिकों ने प्रदर्शनकारियों के टेंट उखाड़ना शुरू कर दिए तो वे उग्र हो उठे। गाले फेस पर प्रदर्शनकारी जमा हो गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
प्रदर्शनकारियों ने कहा- रानिल विक्रमसिंघे हमें बर्बाद करना चाहते हैं, वे फिर से ऐसा कर रहे हैं, लेकिन हम कभी हार नहीं मानेंगे। सशस्त्र बलों की कार्रवाई के बीच एक प्रदर्शनकारी ने कहा- हम अपने देश को ऐसी घटिया राजनीति से मुक्त बनाना चाहते हैं।