पूर्वी सिक्किम के छांगु-नाथुला घूमने गए 800 से अधिक टूरिस्ट बुधवार को खराब मौसम और बर्फबारी के कारण फंस गए। इन टूरिस्ट में बुजुर्ग, महिला और बच्चे भी शामिल हैं। सूचना मिलते ही भारतीय सेना की त्रिशक्ति कोर के जवानों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए फंसे टूरिस्ट को बचाया।
दोपहर में अचानक मौसम ने करवट बदली और बारिश शुरू हो गई। पारा नीचे गिरते गिरते ही राज्य के ऊंचाई वाली जगहों पर बर्फबारी शुरू हो गई। बर्फबारी के कारण वाहनों का आवागमन ठप हो गया और और पूर्वी सिक्किम के टूरिस्ट स्पॉट छांगु-नाथुला घूमने गए टूरिस्ट रस्ते में ही फंस गए।
भारतीय सेना ने प्रेस बयान में बताया कि बचाव अभियान रात तक चलता रहा। टूरिस्ट को सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाया जा रहा है। उन्हें ठहरने की जगह, गर्म कपड़े, मेडिकल मदद और गर्म भोजन दिया जा रहा है। फंसे हुए टूरिस्ट को ठहराने के लिए सैनिकों ने अपनी बैरकें खाली कर दीं।
सैनिकों के तुरंत एक्शन से टूरिस्ट को काफी राहत मिली। टूरिस्ट को मौसम ठीक रहने पर गुरुवार को राजधानी गंगटोक लाया जाएगा।
हाल ही में परमिट शुरू किए हैं
इस समय सिक्किम में मौसम ने जबरदस्त करवट ली है और ज्यादातर इलाकों में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। लाचुंग और उसके ऊपरी इलाकों सहित उत्तरी सिक्किम के कुछ हिस्सों में बर्फबारी जारी है। रावंगला समेत कुछ इलाकों में ओलावृष्टि की सूचना भी है। कुछ महीने पहले आए विनाशकारी फ्लैश फ्लड के बाद अधिकारियों ने हाल ही में सिक्किम के इन क्षेत्रों में पर्यटकों को जाने के लिए परमिट जारी करना शुरू किया था।
मार्च में भी सेना ने 900 लोगों को रेस्क्यू किया था
इस साल मार्च में भी भारतीय सेना के जवानों और स्थानीय पुलिस ने एक जॉइंट रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर 900 पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था। ये टूरिस्ट नाथुला और त्सोमगो झील से गंगटोक जाने के रास्ते में भारी बर्फबारी के बीच फंस गए थे। बर्फबारी के कारण वाहनों की आवाजाही बंद हो जाने के कारण ये रास्ते में फंस गए थे। करीब 15 किलोमीटर के एक हिस्से में 200 वाहन फंस गए थे।